विमर्श :
भर्तृहरि का कथन है -- को लाभो गुणिसंगमः अर्थात ( लाभ क्या है? गुणियों का साथ ) ।
दिव्यनर्मदा तथा फेसबुक ने मुझे इस साल इस लाभ से परिचित करवाया है। आशा करता हूँ नये साल में मैं इससे और भी ज्यादा लाभांवित हो सकूँगा। फेसबुक को धन्यवाद और अपने सभी फेसबुक मित्रों का कोटी-क़ोटी आभार। नये साल में हम सभी एक दूसरे के विचारों लाभ प्राप्त कर सके इसी आशा के साथ इस पुराने साल को हार्दिक विदाई। चलते-चलते परमविद्वान डा. राधाकृष्णन की कुछ पंक्तियाँ लिख रहा हूँ-
"सब से अधिक आनंद इस भावना में है कि हमने मानवता की प्रगति में कुछ योगदान दिया है। भले ही वह कितना ही कम, यहाँ तक कि बिल्कुल ही तुच्छ क्यों न हो?"
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