दोहा सलिला;
रवि-वसुधा के ब्याह में...
संजीव 'सलिल'
*
रवि-वसुधा के ब्याह में, लाया नभ सौगात.
'सदा सुहागन' तुम रहो, ]मगरमस्त' अहिवात..
सूर्य-धरा को समय से, मिला चन्द्र सा पूत.
सुतवधु शुभ्रा 'चाँदनी', पुष्पित पुष्प अकूत..
इठला देवर बेल से बोली:, 'रोटी बेल'.
देवर बोला खीझकर:, 'दे वर, और न खेल'..
'दूधमोगरा' पड़ोसी, हँसे देख तकरार.
'सीताफल' लाकर कहे:, 'मिल खा बाँटो प्यार'..
भोले भोले हैं नहीं, लीला करे अनूप.
बौरा गौरा को रहे, बौरा 'आम' अरूप..
मधु न मेह मधुमेह से, बच कह 'नीबू-नीम'.
जा मुनमुन को दे रहे, 'जामुन' बने हकीम..
हँसे पपीता देखकर, जग-जीवन के रंग.
सफल साधना दे सुफल, सुख दे सदा अनंग..
हुलसी 'तुलसी' मंजरित, मुकुलित गाये गीत.
'चंपा' से गुपचुप करे, मौन 'चमेली' प्रीत..
'पीपल' पी पल-पल रहा, उन्मन आँखों जाम.
'जाम' 'जुही' का कर पकड़, कहे: 'आइये वाम'..
बरगद बब्बा देखते, सूना पनघट मौन.
अमराई-चौपाल ले, आये राई-नौन..
कहा लगाकर कहकहा, गाओ मेघ मल्हार.
जल गगरी पलटा रहा, नभ में मेघ कहार..
*
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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रविवार, 25 जुलाई 2021
दोहा सलिला; रवि-वसुधा के ब्याह में
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गुरुवार, 25 जुलाई 2019
दोहा रवि वसुधा का ब्याह
दोहा सलिला;
रवि-वसुधा के ब्याह में...
संजीव 'सलिल'
*
रवि-वसुधा के ब्याह में, लाया नभ सौगात.
'सदा सुहागन' तुम रहो, ]मगरमस्त' अहिवात..
रवि-वसुधा के ब्याह में...
संजीव 'सलिल'
*
रवि-वसुधा के ब्याह में, लाया नभ सौगात.
'सदा सुहागन' तुम रहो, ]मगरमस्त' अहिवात..
सूर्य-धरा को समय से, मिला चन्द्र सा पूत.
सुतवधु शुभ्रा 'चाँदनी', पुष्पित पुष्प अकूत..
सुतवधु शुभ्रा 'चाँदनी', पुष्पित पुष्प अकूत..
इठला देवर बेल से बोली:, 'रोटी बेल'.
देवर बोला खीझकर:, 'दे वर, और न खेल'..
देवर बोला खीझकर:, 'दे वर, और न खेल'..
'दूधमोगरा' पड़ोसी, हँसे देख तकरार.
'सीताफल' लाकर कहे:, 'मिल खा बाँटो प्यार'..
'सीताफल' लाकर कहे:, 'मिल खा बाँटो प्यार'..
भोले भोले हैं नहीं, लीला करे अनूप.
बौरा गौरा को रहे, बौरा 'आम' अरूप..
बौरा गौरा को रहे, बौरा 'आम' अरूप..
मधु न मेह मधुमेह से, बच कह 'नीबू-नीम'.
जा मुनमुन को दे रहे, 'जामुन' बने हकीम..
जा मुनमुन को दे रहे, 'जामुन' बने हकीम..
हँसे पपीता देखकर, जग-जीवन के रंग.
सफल साधना दे सुफल, सुख दे सदा अनंग..
सफल साधना दे सुफल, सुख दे सदा अनंग..
हुलसी 'तुलसी' मंजरित, मुकुलित गाये गीत.
'चंपा' से गुपचुप करे, मौन 'चमेली' प्रीत..
'चंपा' से गुपचुप करे, मौन 'चमेली' प्रीत..
'पीपल' पी पल-पल रहा, उन्मन आँखों जाम.
'जाम' 'जुही' का कर पकड़, कहे: 'आइये वाम'..
'जाम' 'जुही' का कर पकड़, कहे: 'आइये वाम'..
बरगद बब्बा देखते, सूना पनघट मौन.
अमराई-चौपाल ले, आये राई-नौन..
अमराई-चौपाल ले, आये राई-नौन..
कहा लगाकर कहकहा, गाओ मेघ मल्हार.
जल गगरी पलटा रहा, नभ में मेघ कहार..
*
salil.sanjiv@gmail.com
#दिव्यनर्मदा
#हिंदी_ब्लॉगर
जल गगरी पलटा रहा, नभ में मेघ कहार..
*
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