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रविवार, 21 जनवरी 2018

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गीत:
** नव नगर निर्माता ( भू माफिया उवाच)*****
अभियंता दर्शन कुलश्रेष्ठ उर्फ़ दर्शन बेज़ार
***
नगर तुम्हारा हम लंदन की भांति सजायेंगे-
खाली करो जमीन यहां हम mallबनायेंगै।।
बीच शहर में कुछ जमीन पुरखे खरीद कर के-
तुम्हें देगये अधकचरे निर्माण खड़े करके;
वहां हटा खपरैल इमारत भव्य उठायेंगे।।१,।।
खाली करो जमीन -----
तुमने कौन खरीदी, इससे तुम्हें मोह क्यों है-
अस्सी साल पूर्व का ढांचा ही ज्यों का त्यों है;
हर हालत में यह कूड़ा हम दूर हटायेंगे।।२।।
खाली करो जमीन-----
आसपास जो खेत कभी थे, हमने क्रय करके-
जंगल में मंगल कर डाला ,सब गड्ढे भर के;
flat इधर भी बना नया कुछ कर दिखलायेंगे।।३।।
खाली करो जमीन-----
अपने तहखाने है सब पहले ही भरे हुये-
इसीलिए सब लोग यहां हैं हम से डरे हुए;
फटे हाल तुम जैसे हमसे क्या टकरायेंगे।।४।।
खाली करो जमीन------
अर्थशास्त्र का सूत्र हमें बस इतना ही आता-
पैसा ही पैसे को अपने पास खींच लाता ;
इससे ज्यादा और अधिक हम क्या समझायेंगे।।५।।
खाली करो ज़मीन-----
हर विभाग में चपरासी तक से अपना नाता-
अपने साइट पर न इसलिए inspector आता;
कुछ मुंह मांगी कीमत तुमको भी दिलवायेंगे।।६।।
खाली करो जमीन------
आज जहां मक्खियां भिनकतीं पार्लर महकेंगे-
नये रईस bar. में पी अंग्रेजी बहकेंगे;
वेलेंटाइन डे पर जोड़े भी मस्तायेंगे. ।।७,।।
खाली करो जमीन------
लोग आधुनिक कहें हमीं को, ऐसा जतलाने-
वैज्ञानिक है सोच हमारी, सबको दिखलाने;
छत के ऊपर solar heater plant लगायेंगे।।८,।।
खाली करो जमीन-----
केंद्र- राज्य में आती जाती रहीं कई सत्ता-
किंतु नगर में जब हम चाहे हिला तभी पत्ता;
दलगत राजनीति में खुद को हम न फंसायेंगे।।९।।
खाली करो जमीन---
बन जायेगा हर हालत में यह दिल्ली जैसा-
अब न दिखेगा नगर कहीं भी मैला गंदा सा;
लुटियन जैसे नगर नियोजक हमीं कहायेंगे।।१०।।
खाली करो जमीन-----
(कविता संग्रह" तोड़ पत्थरों को भागीरथ" में वर्ष २०११ में प्रकाशित)
copy right. juris. Agra.
@ दर्शनबेज़ार (आगरा)

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