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बुधवार, 22 अप्रैल 2020

लघुकथा प्यार शरन मक्कड़

लघुकथा
प्यार
शरन मक्कड़
*
मनुष्य ने मछली से कहा, " दूध पानी से बहुत क़ीमती है। तू पानी को छोड़कर दूध में आ जा।"
यह सुनकर मछली मनुष्य पर हँस दी। बोली, " तुझे मनुष्य होकर भी पता नहीं, प्यार किसे कहते हैं ?"
और मछली पानी में डुबकी लगाकर मनुष्य की आँखों से ओझल हो गई।
*