शिकवा न दुश्मनों से मुझको रहा 'सलिल'।
हैरत में हूँ दोस्तों ने प्यार से मारा।
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शिकवा न दुश्मनों से मुझको रहा 'सलिल'।
हैरत में हूँ दोस्तों ने प्यार से मारा।
शे'र
आचार्य संजीव 'सलिल'
दोस्त जब मेहरबां हुए हम पर।
दुश्मनों की न फिर ज़ुरूरत थी.