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नकली दूध व्यापारी या मौत के सौदागर
कभी भारत में दूध-घी की नदियाँ बहतीं थीं.
दुग्ध-पान को अमृत के समतुल्य मानने और दूध का क़र्ज़ उतरने को सबसे बड़ा फ़र्ज़ माननेवाले इस देश में दूध पीना भी मौत को आमंत्रण देने के समान हो गया है.
आप दूध पीने से पहलें देख लें कि वह गाय-भैंस-बकरी का ही हो. आजकल देश में किसी भी तरह पैसा पैदा करने के शुकीन लोगों ने बेकिंग सोडा, सर्फ़, सस्ते रसायनों और पानी को मिलाकर नकली दूध बनाने का धंधा बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया है.
प्रशासन को अपने काले कारनामों से फुर्सत नहीं है सो इन्हें रोके कौन?
देखने में असली दूध से भी अधिक शुद्ध दिखनेवाले इस दूध को पीने से लीवर, किडनी और अन्य अंग ख़राब होते है तथा पाचन शक्ति का नाश हो जाता है. 


















