कुल पेज दृश्य

laukik jatiya लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
laukik jatiya लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 28 जनवरी 2017

laukik jatiya saptmatrik chhand

लौकिक जातीय सप्त मात्रिक छंद
९. पदारंभ यगण
विदेशी तज
स्वदेशी भज 
लगा ले सर 
उठा ले रज  
१०. पदारंभ मगण
लेंगे होड़
देंगे फोड़
जो हों दोष
भागें छोड़
जो हो प्रीत 
लेंगे जीत
आओ साथ 
गायें गीत    
*
११. पदारंभ तगण
हैं दो न हम 
हैं एक हम  
विश्वास है 
हैं नेक हम
*
१२. पदारंभ रगण
चाह में तू  
बाँह में तू
धूप में तू  
छाँह में तू 
आह में तू  
वाह में तू 
मंजिलों में 
राह में तू
१३. पदारंभ जगण
किया न काम  
लिया न दाम
तना वितान  
लगा विराम 
मिला न नाम   
रहे अनाम 
*
१४. पदारंभ भगण
प्रेमिल ह्रदय
स्नेहिल सदय 
विस्मित निरख
मोहित मलय
*
१५. पदारंभ नगण
सजन आए 
सु मन गाए
सुमन खिलते
भ्रमर भाए
*
१६. पदारंभ सगण
महके आम
मिलते दाम
जबसे न्यून
विधना वाम
*

शुक्रवार, 27 जनवरी 2017

sapt matrik / laukik jatiya chhand

लौकिक जातीय सप्त मात्रिक छंद
१. पदांत यगण 
तज बहाना
मन लगाना
सफल होना
लक्ष्य पाना  
जो मिला है 
हँस लुटाना
मुस्कुराना
खिलखिलाना
२. पदांत मगण 
न भागेंगे 
न दौड़ेंगे 
करेंगे जो 
न छोड़ेंगे 
*
३. पदांत तगण
आओ मीत 
गाओ गीत 
नाता जोड़ 
पाओ प्रीत 
*
४. पदांत रगण
पाया यहाँ 
खोया यहाँ 
बोया सदा 
काटा यहाँ 
*
कर आरती
खुश भारती
सन्तान को
हँस तारती
*
५. पदांत जगण
भारत देश
हँसे हमेश
लेकर जन्म
तरे सुरेश
*
६. पदांत भगण
चपल चंचल
हिरन-बादल
दौड़ते सुन
ढोल-मादल
*
७. पदांत नगण

मीठे वचन
बोलो सजन
मूँदो न तुम
खोलो नयन
*
८. पदांत सगण
सुगती छंद
सच-सच कहो
मत चुप रहो
जो सच दिखे
निर्भय कहो
*