, होली का फगुआ गीत
ब्रह्माणी वीणा
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फगुआ में छाई बहार आली
आई बसंत बहार आली ।
धरती ने ली अंगड़ाई,
मधुर मधुर सपनों में खोई
हरीतिमा का अनुपम श्रंगार
गगन देता धरणी को प्यार,
संग मे बासंती उपहार आली ,
फगुआ में छाई बहार आली,,,,,,,,,,,,,,,,,
कण कण में जगी उमंगें
नव पराग कण नई तरंगें
भौंरे गूँज रहे फूलों पर ,
खिले पलाश , कचनार आली
फगुआ में छाई बहार आल,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,
नीले पीले रंग बसंती
उड़े रंग गुलाल मधुमती
कृष्ण राधिका छक छक भीजैं
सब गोपियन के तन मन भीजै
पिचकारी छोड़ें सखियन पर ,
ग्वालन की तकरार आली ,
फगुआ में छाई बहार आली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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ब्रह्माणी वीणा
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फगुआ में छाई बहार आली
आई बसंत बहार आली ।
धरती ने ली अंगड़ाई,
मधुर मधुर सपनों में खोई
हरीतिमा का अनुपम श्रंगार
गगन देता धरणी को प्यार,
संग मे बासंती उपहार आली ,
फगुआ में छाई बहार आली,,,,,,,,,,,,,,,,,
कण कण में जगी उमंगें
नव पराग कण नई तरंगें
भौंरे गूँज रहे फूलों पर ,
खिले पलाश , कचनार आली
फगुआ में छाई बहार आल,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,
नीले पीले रंग बसंती
उड़े रंग गुलाल मधुमती
कृष्ण राधिका छक छक भीजैं
सब गोपियन के तन मन भीजै
पिचकारी छोड़ें सखियन पर ,
ग्वालन की तकरार आली ,
फगुआ में छाई बहार आली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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