कुल पेज दृश्य

ekaksharee doha लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
ekaksharee doha लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 29 सितंबर 2018

ekaksharee doha

एकाक्षरी दोहा: 
आनन्दित हों, अर्थ बताएँ
*
की की काकी कूक के, की को काका कूक.
काका-काकी कूक के, का के काके कूक.
*​
एक द्विपदी
*
भूल भुलाई, भूल न भूली, भूलभुलैयां भूली भूल.
भुला न भूले भूली भूलें, भूल न भूली भाती भूल.
*
यह द्विपदी अश्वावातारी जातीय बीर छंद में है