कुल पेज दृश्य

ओबामा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
ओबामा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 7 फ़रवरी 2015

navgeet: sanjiv

नवगीत:
यह कैसा मेहमान?
संजीव
.
यह कैसा मेहमान हमारा?
यह कैसा विश्वास??
.
अपना वाहन साथ लाये हैं 
सैनिक बल भी साथ आये हैं
हम पर अविश्वास, अक्षम हम या
खो बैठे आस??
.
करें प्रशंसा का अभिनय मिल
भार देश पर अरबों का बिल
नहीं सादगी तनिक कहीं भी
गाँधी का उपहास
.
फ़िक्र गरीबों की भारी है
सूट विदेशी अय्यारी है
पंक्तिबद्ध धन्नासेठों से
जनहित की ना आस
.
बनी छावनी सारी दिल्ली
घुस न सके चिड़िया या बिल्ली
आम आदमी है प्रतिबंधित
सहे मौन संत्रास
.
सिर्फ प्रदर्शन और दिखावा
राजनीति हो गयी छलावा
भोज किया बिन भोग लगाये
हैं खासों के ख़ास
२६-१-२०१५ 
*** 

रविवार, 25 जनवरी 2015

navgeet: -sanjiv

नवगीत:
भारत आ रै
संजीव

.
भारत आ रै ओबामा प्यारे,
माथे तिलक लगा रे!
संग मिशेल साँवरी आ रईं,
उन खों  हार पिन्हा रे!!
.
अपने मोदी जी नर इन्दर
बाँकी झलक दिखा रए
नाम देस को ऊँचो करने
कैसे हमें सिखा रए
'झंडा ऊँचा रहे हमारा'
संगे गान सुना रे!
.
देश साफ़ हो, हरा-भरा हो
पनपे भाई-चारा
'वन्दे मातरम' बोलो सब मिल
लिये तिरंगा प्यारा
प्रगति करी जो मूंड उठा खें
दुनिया को दिखला रए
.