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शुक्रवार, 5 जनवरी 2018

kundaliya

कार्यशाला:
कुण्डलिया एक : कवि दो
राधा मोहन को जपे, मोहन राधा नाम।
अनहोनी फिर भी हुई, पीड़ा उम्र तमाम।। -सुनीता सिंह
पीड़ा उम्र तमाम, सहें दोनों मुस्काते।
हरें अन्य की पीर, ज़िंदगी सफल बनाते।।
श्वास सुनीता आस, हुई संजीव अबाधा।
मोहन राधा नाम, जपे मोहन को राधा।। -संजीव
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