ॐ
हिंदी लघुकथा को सर्वस्व मानकर, जीवन का पल-पल लघुकथा को समर्पित करनेवाली, जिजीविषाजयी, कलाकार कांता राय और उनके जीवनसाथी मेरे अनुजवत सत्यजित राय 'कोरोनाजयी' होने की राह पर हैं।
करोना से जंग आसान नहीं, दुष्कर है पर नामुमकिन नहीं।
मेरी प्रिय अनुजा सुषमा निगम और अग्रज आशा वर्मा करोना को मात दे चुकी हैं।
प्रिय कांता और सत्यजित भी जीवन की जयकार करते हुए पहले से अधिक ऊर्जा और गति के साथ जल्द ही हमारे बीच होंगे, पूर्ण विश्वास है।
दोनों के दीर्घायु अब और स्वास्थ्य लाभ हेतु अनंत शुभ आशीष।
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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गुरुवार, 15 अप्रैल 2021
कांता राय - सत्यजित राय कोरोना ग्रस्त
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सत्यजित राय
रविवार, 21 फ़रवरी 2021
मैथिली गीत कांता राय
मैथिली गीत
कांता राय
*
आई अप्पन भाषाक दिन अछि।
चैत मास मोन छल
गाम जैतहूँ एही बेर
नबका भातक संग खैइतहूँ
पटुआ सागक लेर
चैताबर में गबितहूँ
होरी औ मघुमास
बटगबनि में चौमासा
विद्यापतिक बारहमास
जईतहूँ बहिना काकी अँगना
चूड़ा कूटय लेल
बड़का बाबा के मढ़िया पर
फुटहा लाबै लेल
बाधे बने रणे बने
चलु छिछियाऊ
मौनी भैर कय बथुआ तोड़ब
कनि जल्दी चलि आऊ
सासूर सय एलखिन
लाल दीदी पिरिकिया लय क
सनेश पुरलखिन काकी
जरल गुड़ पूरी दय क
कान्ता रॉय
जय मिथिला जय मैथिली।
आई अप्पन भाषाक दिन अछि।
चैत मास मोन छल
गाम जैतहूँ एही बेर
नबका भातक संग खैइतहूँ
पटुआ सागक लेर
चैताबर में गबितहूँ
होरी औ मघुमास
बटगबनि में चौमासा
विद्यापतिक बारहमास
जईतहूँ बहिना काकी अँगना
चूड़ा कूटय लेल
बड़का बाबा के मढ़िया पर
फुटहा लाबै लेल
बाधे बने रणे बने
चलु छिछियाऊ
मौनी भैर कय बथुआ तोड़ब
कनि जल्दी चलि आऊ
सासूर सय एलखिन
लाल दीदी पिरिकिया लय क
सनेश पुरलखिन काकी
जरल गुड़ पूरी दय क
कान्ता रॉय
जय मिथिला जय मैथिली।
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