कुल पेज दृश्य

गिरिजा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गिरिजा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 11 मार्च 2021

शिव भजन २, शांति देवी

पूज्य मातुश्री द्वारा रचित शिव भजन २ 
गिरिजा कर सोलह सिंगार
स्व. शांति देवी वर्मा
*
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
माँग में सेंदुर; भाल पे बिंदी, नैनन कजरा सजाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
बेनी गूँथी मुतियन के संग; चंपा-चमेली महकाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
बांह बाजूबंद हाथ में कंगन, नौलखा कंठ सुहाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
कानन झुमका; नाक नथनिया, बेसर हीरा भाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
कटि करधनिया; पाँव पैजनिया, घुँघुरु रतन जड़ाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
बिछिया में मणि; मुंदरी नीलम, चलीं ठुमुक बल खाँय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
लहँगा लाल; चुनरिया नीली गोटा-जरी लगाय।
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
ओढ़ चदरिया सात रंग की,  शोभा बरनि न जाय। 
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
गजगामिन हौले पग धरतीं, मन ही मन मुस्कांय। 
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....
*
नत नयनों; बंकिम सैनों से, अनकहनी कँह जांय। 
गिरिजा कर सोलह सिंगार,
चलीं शिव शंकर ह्रदय लुभांय.....

शनिवार, 6 मार्च 2021

भजन शांति देवी वर्मा

मातुश्री स्व. शांति देवी रचित एक भजन 
गिरिजा कर सोलह सिंगार
*
गिरिजा कर सोलह सिंगार
चलीं शिव शंकर हृदय लुभांय...

माँग में सेंदुर, भाल पे बिंदी,
नैनन कजरा लगाय.
वेणी गूँथ मोतियन के संग,
चंपा-चमेली महकाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

बाँह बाजूबंद, हाथ में कंगन,
नौलखा हार सुहाय.
कानन झुमका, नाक नथनिया,
बेसर हीरा भाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

कमर करधनी, पाँव पैजनिया,
घुँघरू रतन जडाय.
बिछिया में मणि, मुंदरी मुक्ता,
चलीं कमर बल खाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

लँहगा लाल, चुनरिया पीली,
गोटी-जरी लगाय.
ओढे चदरिया पञ्च रंग की ,
शोभा बरनि न जाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

गज गामिनी हौले पग धरती,
मन ही मन मुसकाय.
नत नैनों मधुरिम बैनों से
अनकहनी कह जांय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

**********

मंगलवार, 4 अगस्त 2009

सरवन में शिव भजन कर: स्व. शान्ति देवी वर्मा

गिरिजा कर सोलह सिंगार

गिरिजा कर सोलह सिंगार
चलीं शिव शंकर हृदय लुभांय...

मांग में सेंदुर, भाल पे बिंदी,
नैनन कजरा लगाय.
वेणी गूंथी मोतियन के संग,
चंपा-चमेली महकाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

बांह बाजूबंद, हाथ में कंगन,
नौलखा हार सुहाय.
कानन झुमका, नाक नथनिया,
बेसर हीरा भाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

कमर करधनी, पाँव पैजनिया,
घुँघरू रतन जडाय.
बिछिया में मणि, मुंदरी मुक्ता,
चलीं ठुमुक बल खांय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

लंहगा लाल, चुनरिया पीली,
गोटी-जरी लगाय.
ओढे चदरिया पञ्च रंग की ,
शोभा बरनि न जाय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

गज गामिनी हौले पग धरती,
मन ही मन मुसकाय.
नत नैनों मधुरिम बैनों से
अनकहनी कह जांय.
गिरिजा कर सोलह सिंगार...

**********

शुक्रवार, 1 मई 2009

भजन: सिया फुलबगिया... स्व. शान्ति देवी

सिया फुलबगिया आई हैं

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

कमर करधनी, पांव पैजनिया, चाल सुहाई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

कुसुम चुनरी की शोभा लख, रति लजाई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

चंदन रोली हल्दी अक्षत माल चढाई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

दत्तचित्त हो जग जननी की आरती गाई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

फल मेवा मिष्ठान्न भोग को नारियल लाई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

लताकुंज से प्रगट भए लछमन रघुराई हैं।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

मोहनी मूरत देख 'शान्ति' सुध-बुध बिसराई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...

विधना की न्यारी लीला लख मति चकराई है।

गिरिजा पूजन सखियों संग सिया फुलबगिया आई हैं...


***********