दोहा दुनिया
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शिव को पा सकते नहीं, सिव से सकें न भाग।
शिव अंतर्मन में बेस, मिलें अगर अनुराग।।
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शिव को भज निष्काम हो, शिव बिन चले न काम।
शिव अनुकम्पा नाम दे, शिव हैं आप अनाम।।
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वृषभ देव शिव दिगंबर, ढँकते सबकी लाज।
निर्बल के बल शिव बनें, पूर्ण करें हर काज।।
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शिव से छल करना नहीं, बल भी रखना दूर।
भक्ति करो मन-प्राण से, बजा श्वास संतूर।।
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शिव त्रिनेत्र से देखते, तीन लोक के भेद।
असत मिटा सत बचाते, करते कभी न भेद।।
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१५-१-२०१८ एफ़ १० ८ सरिता विहार दिल्ली
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शिव को पा सकते नहीं, सिव से सकें न भाग।
शिव अंतर्मन में बेस, मिलें अगर अनुराग।।
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शिव को भज निष्काम हो, शिव बिन चले न काम।
शिव अनुकम्पा नाम दे, शिव हैं आप अनाम।।
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वृषभ देव शिव दिगंबर, ढँकते सबकी लाज।
निर्बल के बल शिव बनें, पूर्ण करें हर काज।।
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शिव से छल करना नहीं, बल भी रखना दूर।
भक्ति करो मन-प्राण से, बजा श्वास संतूर।।
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शिव त्रिनेत्र से देखते, तीन लोक के भेद।
असत मिटा सत बचाते, करते कभी न भेद।।
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१५-१-२०१८ एफ़ १० ८ सरिता विहार दिल्ली
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