कुल पेज दृश्य

जापानी छंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
जापानी छंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 7 मई 2022

जापानी छंद कतौता
*
कतौता लिखो,
अपनी राह चुनो 
नए सपने बुनो। 
*
कभी न बनो 
लकीर के फकीर,
पुरानी लीक तोड़ो। 
*
प्यार को प्यार 
कम मिलता यार,
क्यों होते हो बेज़ार?
*
दीप से दीप 
जलाते चलो भाई 
तब होगा उजाला। 
*
कोयल कूकी 
दहका है पलाश 
पर्वत पर आग। 
*
बरसात में 
नदिया है बौराई 
भूल गई मर्यादा। 
*
जो हुआ; हुआ 
बिसरा; आगे बढ़ो 
उठो! भविष्य गढ़ो। 
*
वर्ण पिरोएँ 
पाँच-सात औ' सात 
कतौता रचें आप। 
*
इंद्र धनुष 
सतरंगी कमान 
शर लापता। 
७-५-२०२२ 
*
 

   
 



सोमवार, 3 जुलाई 2017

हाइकु


हाइकु
ज्योतिर्मयी है
मानव की चेतना
हो ऊर्ध्वमुखी
*
ज्योति है ऊष्म
सलिल है शीतल
मेल जीवन
*
ज्योति जलती
पवन है बहता
जग दहता
*
ज्योति धरती
बाँटती उजियारा
तम पीकर
*
ज्योति जागती
जगत को सुलाती
आप जलकर
*
३-७-२०१७
#हिंदी_ब्लॉगिंग