रचना विधान - (लघु लघु गुरु) x ८
.
चलते-चलते, घुलते-मिलते, जब प्रेम बढ़ा, हम एक बने.
हर धर्म कहे, यह मर्म सखे! कर कर्म सभी हम नेक बने.
मतिमान बने, गुणवान बने, रसखान बने, सुविवेक बने.
चल यार! चलें, मिल प्यार करें, मनुहार बने, शुभ टेक बने.
...
salil.sanjiv@gmail.com,9425183244
# hindi_blogger
http://divyanarmada.. blogspot. com
.
चलते-चलते, घुलते-मिलते, जब प्रेम बढ़ा, हम एक बने.
हर धर्म कहे, यह मर्म सखे! कर कर्म सभी हम नेक बने.
मतिमान बने, गुणवान बने, रसखान बने, सुविवेक बने.
चल यार! चलें, मिल प्यार करें, मनुहार बने, शुभ टेक बने.
...
salil.sanjiv@gmail.com,9425183244
# hindi_blogger
http://divyanarmada.. blogspot. com