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शनिवार, 20 मार्च 2021

अमृत महोत्सव, शारद वंदन

शारद! अमृत रस बरसा दे।
हैं स्वतंत्र अनुभूति करा दे।।
*
मैं-तू में बँट हम करें, तू तू मैं मैं रोज।
सद्भावों की लाश पर, फूट गिद्ध का भोज।।
है पर-तंत्र स्व-तंत्र बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
अमर शहीदों को भूले हम, कर आपस में जंग।
बिस्मिल-भगत-दत्त आहत हैं, दुर्गा भाभी दंग।।
हैं आजाद प्रतीति करा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
प्रजातंत्र में प्रजा पर, हावी होकर तंत्र।
छीन रहा अधिकार नित, भुला फर्ज का मंत्र।।
दीन-हीन को सुखी बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
ज॔गल-पर्वत-सरोवर, पल पल करते नष्ट।
कहते हुआ विकास है, जन प्रतिनिधि हो भ्रष्ट।।
जन गण मन को इष्ट बना दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
शोक लोक का बढ़ रहा, लोकतंत्र है मूक।
सारमेय दलतंत्र के, रहे लोक पर भूँक।।
दलदल दल का मातु मिटा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
'गण' पर 'गन' का निशाना, साधे सत्ता हाय।
जन भाषा है उपेक्षित, पर-भाषा मन भाय।।
मैया! हिंदी हृदय बसा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
जन की रोटी छिन रही, तन से घटते वस्त्र।
मन आहत है राम का, सीता है संत्रस्त।।
अस्त नवाशा सूर्य उगा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
रोजी-रोटी छीनकर, कोठी तानें सेठ।
अफसर-नेता घूस लें, नित न भर रहा पेट।।
माँ! मँहगाई-टैक्स घटा दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*
जिए आखिरी आदमी, श्रम का पाए दाम।
ऊषा गाए प्रभाती, संध्या लगे ललाम।।
रात दिखाकर स्वप्न सुला दे।
शारद! अमृत रस बरसा दे।।
*

मंगलवार, 16 मार्च 2021

अमृत महोत्सव

[16/03, 14:49] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": ॐ
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१
चलभाष ९४२५१८३२४४
ईमेल salil.sanjiv@gmail.com 
*
स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव २०२०-२०२१
लघुकथा संकलन 
*
स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव रचनाधर्मिता के लिए असर है कि वे अपनी रचना के माध्यम से शहीदों के बलिदान, आजाद हिंद फौज के संघर्ष, सत्याग्रहियों की जिजीविषा, विभाजन की पीड़ा, नवनिर्माण की लगन, राष्ट्रीय एकता, उपलब्धियाँ, प्रेरक प्रसंग, गौरव के क्षण, उत्सवधर्मिता, आह्लाद, उल्लास आदि को शब्दित करें।
समर्थ ७५ लघुकथाकारों की स्वाधीनता की अमृत जयंती पर केंद्रित लघुकथाओं का संग्रह ऑनलाइन प्रकाशित किया जाना है।
अधिकतम शब्द सीमा ३०० शब्द। 
अपना संक्षिप्त परिचय (नाम, जन्मतिथि, डाक का पता, चलभाष क्रमांक व ईमेल) व चित्र ३१ मार्च तक उक्त पते पर भेजें।
लघुकथा का कथ्य मौलिक तथा प्रभावी होने पर ही चयन किया जाएगा।
संकलन मुद्रित भी किया जा सकता है।
रचना पर स्वत्वाधिकार रचनाकार का होगा। 
सामग्री उक्त ईमेल या वाट्सएप पर भेजें।
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[16/03, 14:49] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": ॐ
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१
चलभाष ९४२५१८३२४४
ईमेल salil.sanjiv@gmail.com 
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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव २०२०-२०२१
नवगीत संकलन 
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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव रचनाधर्मिता के लिए अवसर है कि वे अपनी रचना के माध्यम से शहीदों के बलिदान, आजाद हिंद फौज के संघर्ष, सत्याग्रहियों की जिजीविषा, विभाजन की पीड़ा, नवनिर्माण की लगन, राष्ट्रीय एकता, उपलब्धियाँ, प्रेरक प्रसंग, गौरव के क्षण, उत्सवधर्मिता, आह्लाद, उल्लास आदि को शब्दित करें।
समर्थ ७५ नवगीतकारों से स्वाधीनता की अमृत जयंती पर केंद्रित एक एक नवगीत आमंत्रित है। इन नवगीतों का संग्रह ऑनलाइन प्रकाशित किया जाना है।
अधिकतम पंक्ति सीमा २५ । 
अपना संक्षिप्त परिचय (नाम, जन्मतिथि, डाक का पता, चलभाष क्रमांक व ईमेल) व चित्र ३१ मार्च तक उक्त पते पर भेजें।
नवगीत का कथ्य मौलिक, सकारात्मक तथा प्रभावी होने पर ही चयन किया जाएगा।
संकलन मुद्रित भी किया जा सकता है।
रचना पर स्वत्वाधिकार रचनाकार का होगा। संकलन का स्वत्वाधिकार संपादक का होगा।
सामग्री उक्त ईमेल या वाट्सएप पर भेजें।
*
[16/03, 14:49] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": ॐ
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१
चलभाष ९४२५१८३२४४
ईमेल salil.sanjiv@gmail.com 
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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव २०२०-२०२१
बाल कथा संकलन 
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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव रचनाधर्मिता के लिए अवसर है कि वे अपनी रचना के माध्यम से शहीदों के बलिदान, आजाद हिंद फौज के संघर्ष, सत्याग्रहियों की जिजीविषा, विभाजन की पीड़ा, नवनिर्माण की लगन, राष्ट्रीय एकता, उपलब्धियाँ, प्रेरक प्रसंग, गौरव के क्षण, उत्सवधर्मिता, आह्लाद, उल्लास आदि को शब्दित करें।
समर्थ ७५ बालकथाकारों से स्वाधीनता की अमृत जयंती पर केंद्रित एक एक बालकथा आमंत्रित है। इन बालकथाओं का संग्रह ऑनलाइन प्रकाशित किया जाना है।
अधिकतम शब्द सीमा ५०० । 
अपना संक्षिप्त परिचय (नाम, जन्मतिथि, डाक का पता, चलभाष क्रमांक व ईमेल) व चित्र ३१ मार्च तक उक्त पते पर भेजें।
बालकथा का कथ्य मौलिक, सकारात्मक तथा प्रभावी होने पर ही चयन किया जाएगा।
संकलन मुद्रित भी किया जा सकता है।
रचना पर स्वत्वाधिकार रचनाकार का होगा। संकलन का स्वत्वाधिकार संपादक का होगा।
सामग्री उक्त ईमेल या वाट्सएप पर भेजें।
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[16/03, 14:49] आचार्य संजीव वर्मा "सलिल": ॐ
विश्ववाणी हिंदी संस्थान अभियान जबलपुर 
४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन, जबलपुर ४८२००१
चलभाष ९४२५१८३२४४
ईमेल salil.sanjiv@gmail.com 
*
स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव २०२०-२०२१
संस्मरण संकलन 
*
स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव रचनाधर्मिता के लिए अवसर है कि वे अपनी रचना के माध्यम से शहीदों के बलिदान, आजाद हिंद फौज के संघर्ष, सत्याग्रहियों की जिजीविषा, विभाजन की पीड़ा, नवनिर्माण की लगन, राष्ट्रीय एकता, उपलब्धियाँ, प्रेरक प्रसंग, गौरव के क्षण, उत्सवधर्मिता, आह्लाद, उल्लास आदि को शब्दित करें।
समर्थ ७५ संस्मरणकारो से स्वाधीनता की अमृत जयंती पर केंद्रित एक एक प्रेरक संस्मरण आमंत्रित है। इन संस्मरणों का संग्रह ऑनलाइन प्रकाशित किया जाना है।
अधिकतम शब्द सीमा ७०० । 
अपना संक्षिप्त परिचय (नाम, जन्मतिथि, डाक का पता, चलभाष क्रमांक व ईमेल) व चित्र ३१ मार्च तक उक्त पते पर भेजें।
संस्मरण का कथ्य मौलिक, सकारात्मक तथा प्रभावी होने पर ही चयन किया जाएगा।
संकलन मुद्रित भी किया जा सकता है।
रचना पर स्वत्वाधिकार रचनाकार का होगा। संकलन का स्वत्वाधिकार संपादक का होगा।
सामग्री उक्त ईमेल या वाट्सएप पर भेजें।
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रविवार, 7 मार्च 2021

भारत का प्रगति गान ३

भारत का प्रगति गान ३ 
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

जग गुरु भारत बने हमारा, 
साबरमती तीर से गूँजा 
जनगण का जयकारा। 
अमृत महोत्सव आज़ादी का 
मना देश हुंकारा।। 
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*
'मन की बात' करें हिल-मिलकर। 
भारत 'स्वच्छ' रखें मिल-जुलकर।।
'जनारोग्य-जन औषधि' सस्ती-
'ऋण' लें युवा उद्यमी हँसकर।।  
'एम्स' ने स्वास्थ्य सुधारा।
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*  
नीति 'उज्ज्वला' से विकास है,
'रक्षा बीमा' शुभ प्रयास है। 
गाँव-गाँव 'बिजली-मकान' से-
आया जीवन में उजास है। 
'शिक्षा' ने भाग्य सँवारा 
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
अपराधी को 'सख्त सजा' है, 
करो 'परिश्रम' तभी मजा है। 
'तीन तलाक' न रस्ता रोके-
'शोषक' को कानून कजा है।।
'कृषि कानून' सुधारा 
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
'अंत्योदय' योजना सुहाई,
'मुद्रा योजना' उन्नति लाई। 
'मैटरनिटी लीव' अब ज्यादा 
'कनेक्टिविटी डिजिटल' मन भाई।।
'जन धन खाता' हुआ सहारा 
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*
मित्रों को 'कोरोना टीका',
बाँट रहे है कारज नीका। 
'स्ट्राइक सर्जिकल' शौर्य है-
बिना पराक्रम जीवन फीका। 
दिया 'योग' जग को उपकारा 
जग गुरु भारत बने हमारा
जनगण का जयकारा।......
*