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सोमवार, 31 दिसंबर 2012

शिशु गीत सलिला : 8 संजीव 'सलिल'


शिशु गीत सलिला : 8
संजीव 'सलिल'
*

71. हाथी


सूंढ़ हिलाता आता है,
बच्चों के मन भाता है।
सूपे जैसे कान बड़े-
खम्बे जैसे पैर खड़े।

गन्ना इसको मन भाए,
पल में गट्ठा भर खाए।
बैठ महावत संग ऊपर
तुमको सैर करा लाये।।
*
72. गेंद


फेंको गेंद पकड़ना है,
नाहक नहीं झगड़ना है।
टप-टप टप्पे बना गिनो-
हँसो, न हमें अकड़ना है।।
*
73. बल्ला
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आ जाओ लल्ली-लल्ला,
होने दो जमकर हल्ला।
यह फेंकेगा गेंद तुम्हें -
रोको तुम लेकर बल्ला।।
*
74. रेलगाड़ी


छुक-छुक करते आती है,
सबको निकट बुलाती है।
टिकिट खरीदो, फिर बैठो-
हँसकर सैर कराती है।
*
75.आइसक्रीम


नाना-नाती, दादा-पोता,
नहीं कोई भी पाकर खोता।
जो भी बच्चा इसे न पाए-
वही मचलता जी भर रोता।।

नानी-दादी हँसकर खाती-
आइसक्रीम सभी को भाती।
स्वाद, रंग, आकार कई हैं,
जैसी भी हो 'सलिल' लुभाती।।
*
76. मेल


आओ, हम-तुम खेलें खेल,
कभी न कम हो अपना मेल।
एक साथ जो रहते हैं-
हर मुश्किल लेते हैं झेल।।
*
77.  दिवाली



आओ! मनाएं दिवाली,
उजली हों रातें काली.
घर की साफ़-सफाई करें.
लक्ष्मी मैया को पूजें.
खूब मिठाई खायेंगे,
मिल फुलझड़ी जलाएंगे.
*
78. होली



रंग खेलो आयी होली.
भर लो खुशियों से झोली.
खाओ गुझिया गाओ फाग-
झूमे बच्चों की टोली..
*
79. राखी



सावन की जब पड़े फुहार,
आये राखी का त्यौहार.
भाई की कलाई पर राखी
बंधे बहिन करे दुलार.
भाई बहिन की रक्षा का
जिम्मा लेता दे उपहार.
*
80. बड़ा दिन



सांताक्लाज खुशी-उपहार,
दे बच्चों को करता प्यार।

सबको गले लगाता है-
बच्चों के मन भाता है।।

खाते केक मिठाई हम
करती ठण्ड नाक में दम।

मना बड़ा दिन पर्व अनूप 
नया साल मन भाती धूप।।          
***


सोमवार, 19 नवंबर 2012

शिशु गीत सलिला : 2 -संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला : 2
संजीव 'सलिल'
*
11. पापा-1




पापा लाड़ लड़ाते खूब,
जाते हम खुशियों में डूब।
उन्हें बना लेता घोड़ा-
हँसती, देख बाग़ की दूब।।
*

12. पापा-2


पापा चलना सिखलाते,
सारी दुनिया दिखलाते।
रोज बिठाकर कंधे पर-
सैर कराते मुस्काते।।

गलती हो जाए तो भी,
कभी नहीं खोना आपा।
सीख सुधारूँगा मैं ही-
गुस्सा मत होना पापा।।
*
13. भैया-1





मेरा भैया प्यारा है,
सारे जग से न्यारा है।
बहुत प्यार करता मुझको-
आँखों का वह तारा है।।
*
14. भैया-2



नटखट चंचल मेरा भैया,
लेती हूँ हँस रोज बलैया।
दूध नहीं इसको भाता-
कहता पीना है चैया।।
*
15. बहिन -1



बहिन गुणों की खान है,
वह प्रभु का वरदान है।
अनगिन खुशियाँ देती है-
वह हम सबकी जान है।।
*
16. बहिन -2



बहिन बहुत ही प्यारी है,
सब बच्चों से न्यारी है।
हँसती तो ऐसा लगता-
महक रही फुलवारी है।।
*
17. घर



पापा सूरज, माँ चंदा,
ध्यान सभी का धरते हैं।
मैं तारा, चाँदनी बहिन-
घर में जगमग करते हैं।।
*
18. बब्बा



बब्बा ले जाते बाज़ार,
दिलवाते टॉफी दो-चार।
पैसे नगद दिया करते-
कुछ भी लेते नहीं उधार।।

मम्मी-पापा डांटें तो
उन्हें लगा देते फटकार।
जैसे ही मैं रोता हूँ,
गोद उठा लेते पुचकार।।
*
19. दादी-1


दादी बनी सहेली हैं,
मेरे संग-संग खेली हैं।
उनके बिना अकेली मैं-
मुझ बिन निपट अकेली हैं।।
*
20. दादी-2




राम नाम जपतीं दादी,
रहती हैं बिलकुल सादी।
दूध पिलाती-पीती हैं-
खूब सुहाती है खादी।।

गोदी में लेतीं, लगतीं -
रेशम की कोमल गादी।
मुझको शहजादा कहतीं,
बहिना उनकी शहजादी।।
*

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

शिशु गीत सलिला : 1 संजीव 'सलिल'

शिशु गीत सलिला : 1
संजीव 'सलिल'
*
1.श्री गणेश




श्री गणेश की बोलो जय,
पाठ पढ़ो होकर निर्भय।
अगर सफलता पाना है-
काम करो होकर तन्मय।।
*
2. सरस्वती




माँ सरस्वती देतीं ज्ञान,
ललित कलाओं की हैं खान।
जो जमकर अभ्यास करे-
वही सफल हो, पा वरदान।। 
*
3. भगवान




सुन्दर लगते हैं भगवान,
सब करते उनका गुणगान।
जो करता जी भर मेहनत-
उसको देते हैं वरदान।।
*
4. देवी



देवी माँ जैसी लगती,
काम न लेकिन कुछ करती।
भोग लगा हम खा जाते-
कभी नहीं गुस्सा करती।।
*
5. धरती माता
धरती सबकी माता है,
सबका इससे नाता है।
जगकर सुबह प्रणाम करो-
फिर उठ बाकी काम करो।।
*
6. भारत माता



सजा शीश पर मुकुट हिमालय,
नदियाँ जिसकी करधन।
सागर चरण पखारे निश-दिन-
भारत माता पावन।
*
7. हिंदी माता


हिंदी भाषा माता है,
इससे सबका नाता है।
सरल, सहज मन भाती है-
जो पढ़ता मुस्काता है।।
*
8. गौ माता



देती दूध हमें गौ माता,
घास-फूस खाती है।
बछड़े बैल बनें हल खीचें
खेती हो पाती है।
गोबर से कीड़े मरते हैं,
मूत्र रोग हरता है,
अंग-अंग उपयोगी
आता काम नहीं फिकता है।
गौ माता को कर प्रणाम
सुख पाता है इंसान।
बन गोपाल चराते थे गौ
धरती पर भगवान।।
*
9. माँ -1


माँ ममता की मूरत है,
देवी जैसी सूरत है।
थपकी देती, गाती है,
हँसकर गले लगाती है।
लोरी रोज सुनाती है,
सबसे ज्यादा भाती है।।
*

10. माँ -2


माँ हम सबको प्यार करे,
सब पर जान निसार करे।
माँ बिन घर सूना लगता-
हर पल सबका ध्यान धरे।।
*