कुल पेज दृश्य

chhnad लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
chhnad लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 1 जून 2016

kundalini

कुंडलिनी 

*
देख रहे गिरजेश हँस, गिरि पर खिला शिरीष 

गिरिजा से बोले विहँस, देखो मौन मनीष

देखो मौन मनीष, न नाहक शोर मचाता 

फूल लुटाता दाम न लेकिन कुछ भी पाता 

वैरागी सा खड़ा, मिटाता - खींच न रेख 

करता काम न औरों के गुण-अवगुण देख

***

रविवार, 27 जनवरी 2013

एक कुंडली संजीव 'सलिल'

एक कुंडली
संजीव 'सलिल'
*
मंगलमय हो हर दिवस, दें मुझको आशीष.
'सलिल'-धार निर्मल रखें, हों प्रसन्न जगदीश..
हों प्रसन्न जगदीश, न पानी बहे आँख से.
अधरों की मुस्कान न घटती अगर बाँट दें..
दंगल कर दें बंद, धरा से कटे न जंगल
मंगल क्यों जाएँ, भू का हम कर दें मंगल..

Sanjiv verma 'Salil'
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.com