कुल पेज दृश्य

प्यार की सम्भावना... लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्यार की सम्भावना... लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 10 जनवरी 2013

गीत: प्यार की सम्भावना... मनोहर चौबे 'आकाश'

गीत:

प्यार की सम्भावना...
मनोहर चौबे 'आकाश'
*
सामने हूँ किन्तु इसके बाद भी,
आँख से ओझल रहा आभास हूँ.
मैं कहीं छूटी हुई, भूली हुई-
प्यार की सम्भावना का पाश हूँ..
*
मैं किसी माथे लगा चन्दन नहीं,
मैं किसी के हाथ का कंगन नहीं.
मैं किसी घर से जुड़ा आँगन नहीं- 
मैं हर एक स्पर्श से ऊपर बहुत-
पर क्षितिज को छोर तक बांधे हुए
रूप छवियों और गतियों से भरा
अपरिमित-सूना अचल आकाश हूँ
*
मैं धरा की छाँह बनकर गला हूँ,
मैं जगत की श्वास बनकर चला हूँ.
मैं अमर आयास बनकर जला हूँ-
मैं किसी आघात से ना डर सका
मृत्यु से भी आज तक ना मर सका.
इस जगत को चिरंतन जो बनाती,
उसी आशा का अमित आभास हूँ...
*
मैं सदा निस्सीम का परिचय रहा,
मैं चिरन्तन ज्ञान का संचय रहा.
मैं जगत अस्तित्व का निश्चय रहा-
चेतना के चित्र की आकृति बना
ज्ञात की, अज्ञात की परिणति बना
सर्जना से क्रूरतम विध्वंस तक
मीत! मैं बिखरा गहन निःश्वास हूँ.
*
स्वप्न के हर सत्य को पहचान लो
ह्रदय की संतृप्तता अनुमान लो.
तब अगर अपना मुझे तुम मान लो.
जो मुझे थोड़ा बहुत भी जानते,
सत्य को केवल वही पहचानते.
सृष्टि की लय के तिमिर में समाहित
सतत जीवन बो रहा अविनाश हूँ.
मैं कहीं छूटी हुई, भूली हुई
प्यार की सम्भावना का पाश हूँ
*****