कुल पेज दृश्य

kirtan लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
kirtan लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 26 सितंबर 2014

navgeet: sanjiv

नवगीत:

अंतर्मन में व्याप्त 
सुन 
नीरव का संगीत
ओ मेरे मनमीत!

कोलाहल में  
क्या पायेगा?
सन्नाटे में 
खो जायेगा
सुन-गुन ज्यादा 
बोल न्यूनतम 
तभी 
बढ़ेगी प्रीत 

सबद-अजान  
भजन-कीर्तन कर  
किसे रहा तू टेर?
सुने न क्यों वह?
बहरा है या 
करे देर- अंधेर?
व्यर्थ न माला फेर 
तोड़ जग-रीत 

कलकल, कलरव 
सनन सनन सन 
धाँय-धाँय 
क्या रुचता?
पंकज पूजता 
पूर्व-बाद क्यों 
विवश पंक में धँसता?
क्यों जग गाता गीत?
* 

बुधवार, 9 दिसंबर 2009

भजन: सुन लो विनय गजानन -sanjiv 'salil'


भजन:




सुन लो विनय गजानन



संजीव 'सलिल'



जय गणेश विघ्नेश उमासुत, ऋद्धि-सिद्धि के नाथ.

हर बाधा हर शुभ करें, विनत नवाऊँ माथ..

*

सुन लो विनय गजानन मोरी

सुन लो विनय गजानन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

करो कृपा आया हूँ देवा, स्वीकारो शत वंदन.

भावों की अंजलि अर्पित है, श्रृद्धा-निष्ठा चंदन..

जनवाणी-हिंदी जगवाणी

हो, वर दो मनभावन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

नेह नर्मदा में अवगाहन, कर हम भारतवासी.

सफल साधन कर पायें,वर दो हे घट-घटवासी!

भारत माता का हर घर हो,

शिवसुत! तीरथ पावन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*

प्रकृति-पुत्र बनकर हम मानव, सबकी खुशी मनायें.

पर्यावरण प्रदूषण हरकर, भू पर स्वर्ग बसायें.

रहे 'सलिल' के मन में प्रभुवर

श्री गणेश तव आसन.

करो कृपा हो देश हमारा

सुरभित नंदन कानन....

*