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सोमवार, 1 नवंबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : २० संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : २०
         
संजीव 'सलिल' 
*
संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.      
'अग' से प्रारंभ शब्द : ७.
संजीव 'सलिल'
*
अग्रांश/अग्रान्श- पु. सं. देखें अग्रभाग.
अग्रांशु/अग्रान्शु- पु. सं. केन्द्रीय बिंदु, धुरी.
अग्राक्षण-पु./अग्राक्षि-स्त्री. - सं. कटाक्ष, तिरछी चितवन.
अग्राणीक/आग्रानीक- पु. सं. सेना का आगे जानेवाला भाग.
अग्राम्य-वि. सं. जो देहाती न हो, नागर, नगरीय, नगर का, श्री, शहर का, जो पालतू न हो, जंगली, वन्य.
अग्राशन- पु. सं. भोजन से देवता, पितरों या गऊ के निमित्त निकाला जानेवाला अंश.
अग्रासन- पु. सं. सम्मान का आसान/स्थान.
अग्राह्य- वि. सं. ग्रहण न करने योग्य, त्याज्य, अविचारणीय, अविश्वसनीय.-व्यक्ति-पु. किसी देश का राजदूत/राजपुरुष/अन्य व्यक्ति जो अन्य देश को मान्य/ग्राह्य/स्वीकार्य न हो, परसोना नों ग्रेटा इ., अमान्य/अग्राह्य/अस्वीकार्य  व्यक्ति.
अग्राह्या- वि. सं. ग्रहण न करने योग्य, त्याज्य स्त्री, शौचादि के काम आनेवाली मिट्टी, उपयोग न की जा सकनेवाली मिट्टी.
अग्रिम- वि. सं. पहला, अगला, श्रेष्ठ, उत्तम, पेशगी, आगामी, सबसे बड़ा. पु. सबसे बड़ा भाई.-धन-पु. एडवांस, वेतन/पारिश्रमिक/मूल्य का नियत तिथि/समय से पहले दिया गया अंश.
अग्रिम देय धन- पु. कार्य विशेष पर व्यय पहले से हेतु दिया गया धन जिसका समायोजन कार्य होने के बाद किया जाए, बयाना,पेशगी, इम्प्रेस्ट मनी इ.
अग्रिमा- स्त्री. सं. ग्रीष्मजा/लोणा नामक फल/वृक्ष.
अग्रिय-वि. सं. श्रेष्ठ, उत्तम.पु. बड़ा भाई, पहले लगनेवाले फल.
अग्रेदिधिशु- पु. सं. पूर्व विवाहित स्त्री से विवाह करनेवाला द्विज.
अग्रेदिधिषू- स्त्री. सं. वह विवाहिता स्त्री जिसकी बड़े बहिन अविवाहिता हो.
अग्रेमूल्य- पु. भविष्य में बिकनेवाली वस्तु का वर्तमान में लगाया गया मूल्य.
अग्रेसर पु./अग्रेसरी स्त्री.- वि. सं. आगे जानेवाला/वाली, अगुआ, नायक-नायिका.
अग्रेसरिक- पु. सं. नेता/स्वामी.मालिक के आगे जानेवाला नौकर.
अग्रय- वि सं. जो सबसे आगे हो, श्रेष्ठ, कुशल, योग्य. पु. बड़ा भाई, मकान की छत.
                                                                                  -निरंतर ....

रविवार, 31 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : २०          
संजीव 'सलिल'*
संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.      
'अग' से प्रारंभ शब्द : ७.
संजीव 'सलिल'*
अग्निक- पु. सं. इंद्रगोप, बीरबहूटी, एक पौधा, साँप की एक जाति.
अग्निमान/मत- पु. सं. विधि अनुसार अग्न्याधान करनेवाला द्विज, अग्निहोत्री.
अग्नीध्र- पु. सं. यज्ञाग्नि जलानेवाला ऋत्विक, ब्रम्हा, यज्ञ, होम, स्वायंभुव मनु का एक पुत्र.  
अग्न्यगार/अग्न्यागार- पु. सं. यज्ञाग्नि रखने का स्थान.
अग्न्यस्त्र/अग्न्यास्त्र- पु. सं. मन्त्रप्रेरित बाण/तीर जिससे आग निकले, अग्निचालित अस्त्र बंदूक, रायफल इ.,तमंचा, पिस्तौल इ., तोप, मिसाइल आदि.
अग्न्याधा- पु.सं. वेद मन्त्र द्वारा अग्नि की स्थापना, अग्निहोत्र.
अग्न्यालय- पु. सं. देखें अग्न्यागार.
अग्न्याशय- पु. सं. जठराग्नि का स्थान.
अग्न्याहित- पु. सं. अग्निहोत्री, साग्निक.
अग्न्युत्पात- पु. सं. अग्निकाण्ड, उल्कापात.
अग्न्युत्सादी/दिन- वि. सं. यज्ञाग्नि को बुझने देनेवाला.
अग्न्युद्धार- पु. सं. दो अरणिकाष्ठों को रगड़कर अग्नि उत्पन्न करना.  
अग्न्युपस्थान- पु.सं. अग्निहोत्र के अंत में होनेवाली पूजा/मन्त्र.
अग्य- वि. स्त्री. दे. देखें अज्ञ.
अग्या/आग्या- स्त्री. दे. देखें आज्ञा.
अग्यारी- स्त्री. आग में गुड़/दशांग आदि डालना, अग्यारी-पात्र.
अग्र- वि. सं. अगला, पहला, मुख्य, अधिक. अ. आगे. पु. अगला भाग, नोक, शिखर, अपने वर्ग का सबसे अच्छा पदार्थ, बढ़-चढ़कर होना, उत्कर्ष, लक्ष्य आरंभ, एक तौल, आहार की के मात्रा, समूह, नायक.-कर-पु. हाथ का अगला हिस्सा, उँगली, पहली किरण,-- पु. नेता, नायक, मुखिया.-गण्य-वि. गिनते समय प्रथम, मुख्य, पहला.--गामी/मिन-वि. आगे चलनेवाला. पु. नायक, अगुआ, स्त्री. अग्रगामिनी.-दल-पु. फॉरवर्ड ब्लोक भारत का एक राजनैतिक दल जिसकी स्थापना नेताजी सुभाषचन्द्र बोसने की थी, सेना की अगली टुकड़ी,.--वि. पहले जन्मा हुआ, श्रेष्ठ. पु. बड़ा भाई, ब्राम्हण, अगुआ.-जन्मा/जन्मन-पु. बड़ा भाई, ब्राम्हण.-जा-स्त्री. बड़ी बहिन.-जात/ जातक -पु. पहले जन्मा, पूर्व जन्म का.-जाति-स्त्री. ब्राम्हण.-जिव्हा-स्त्री. जीभ का अगला हिस्सा.-णी-वि. आगे चलनेवाला, प्रथम, श्रेष्ठ, उत्तम. पु. नेता, अगुआ, एक अग्नि.-तर-वि. और आगे का, कहे हुए के बाद का, फरदर इ.-दाय-अग्रिम देय, पहले दिया जानेवाला, बयाना, एडवांस, इम्प्रेस्ट मनी.-दानी/निन- पु. मृतकके निमित्त दिया पदार्थ/शूद्रका दान ग्रहण करनेवाला निम्न/पतित ब्राम्हण,-दूत- पु. पहले से  पहुँचकर किसी के आने की सूचना देनेवाला.-निरूपण- पु. भविष्य-कथन, भविष्यवाणी, भावी. -सुनहु भरत भावी प्रबल. राम.,-पर्णी/परनी-स्त्री. अजलोमा का वृक्ष.-पा- सबसे पहले पाने/पीनेवाला.-पाद- पाँव का अगला भाग, अँगूठा.-पूजा- स्त्री. सबसे पहले/सर्वाधिक पूजा/सम्मान.-पूज्य- वि. सबसे पहले/सर्वाधिक सम्मान.-प्रेषण-पु. देखें अग्रसारण.-प्रेषित-वि. पहले से भेजना, उच्चाधिकारी की ओर आगे भेजना, फॉरवर्डेड इ.-बीज- पु. वह वृक्ष जिसकी कलम/डाल काटकर लगाई जाए. वि. इस प्रकार जमनेवाला पौधा.-भाग-पु. प्रथम/श्रेष्ठ/सर्वाधिक/अगला भाग -अग्र भाग कौसल्याहि दीन्हा. राम., सिरा, नोक, श्राद्ध में पहले दी जानेवाली वस्तु.-भागी/गिन-वि. प्रथम भाग/सर्व प्रथम  पाने का अधिकारी.-भुक/-वि. पहले खानेवाला, देव-पिटर आदि को खिलाये बिना खानेवाला, पेटू.-भू/भूमि-स्त्री. लक्ष्य, माकन का सबसे ऊपर का भाग, छत.--महिषी-स्त्री. पटरानी, सबसे बड़ी पत्नि/महिला.-मांस-पु. हृदय/यकृत का रक रोग.-यान-पु. सेना की अगली टुकड़ी, शत्रु से लड़ने हेतु पहले जानेवाला सैन्यदल. वि. अग्रगामी.-यायी/यिन वि. आगे बढ़नेवाला, नेतृत्व करनेवाला-योधी/धिन-पु. सबसे आगे बढ़कर लड़नेवाला, प्रमुख योद्धा.-लेख- सबसे पहले/प्रमुखता से छपा लेख, सम्पादकीय, लीडिंग आर्टिकल इ.,-लोहिता-स्त्री. चिल्ली शाक.-वक्त्र-पु. चीर-फाड़ का एक औज़ार.-वर्ती/तिन-वि. आगे रहनेवाला.-शाला-स्त्री. ओसारा, सामने की परछी/बरामदा, फ्रंट वरांडा इं.-संधानी-स्त्री. कर्मलेखा, यम की वह पोथी/पुस्तक जिसमें जीवों के कर्मों का लिखे जाते हैं.-संध्या-स्त्री. प्रातःकाल/भोर.-सर-वि. पु. आगेजानेवाला, अग्रगामी, अगुआ, प्रमुख, स्त्री. अग्रसरी.-सारण-पु. आगे बढ़ाना, अपनेसे उच्च अधिकारी की ओर भेजना, अग्रप्रेषण.-सारा-स्त्री. पौधे का फलरहित सिरा.-सारित-वि. देखें अग्रप्रेषित.-सूची-स्त्री. सुई की नोक,  प्रारंभ में लगी सूची, अनुक्रमाणिका.-सोची-वि. समय से पहले/पूर्व सोचनेवाला, दूरदर्शी. -अग्रसोची सदा सुखी मुहा.,-स्थान-पहला/प्रथम स्थान.--हर-वि. प्रथम दीजानेवाली/देय वस्तु.-हस्त-पु. हाथ का अगला भाग, उँगली, हाथी की सूंड़  की नोक.-हायण-पु. अगहन माह,-हार-पु. राजा/राज्य की प्र से ब्राम्हण/विद्वान को निर्वाहनार्थ मिलनेवाला भूमिदान, विप्रदान हेतु खेत की उपज से निकाला हुआ अन्न.
अग्रजाधिकार- पु. देखें ज्येष्ठाधिकार.
अग्रतः/तस- अ. सं. आगे, पहले, आगेसे.
अग्रवाल- पु. वैश्यों का एक वर्गजाति, अगरवाल.
अग्रश/अग्रशस/अग्रशः-अ. सं. आरम्भ से ही.
अग्रह- पु.संस्कृत ग्रहण न करना, गृहहीन, वानप्रस्थ.              ----------निरंतर                                                                                                                 

शनिवार, 30 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १९ 'अग' से प्रारंभ शब्द : ६. ---संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : १९       संजीव 'सलिल'*
संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     
'अग' से प्रारंभ शब्द : ६.
संजीव 'सलिल'*
अग्नि - स्त्री. सं. आग, पंच महाभूतों/पंचतत्वों में से तेज तत्व, प्रकाश, उष्णता, गर्मी, गरमी, जठराग्नि, पित्त, अग्निकर्म जलने की क्रिया, सोना, ३ की संख्या (वैद्यक/आयुर्वेद के अनुसार अग्नि के ३ भेद: १. भौमाग्नि=काष्ठादि  से उत्पन्न, २. दिव्याग्नि = उल्का, विद्युत्, तड़ित आदि, ३. जठराग्नि = उदार/पेट में उत्पन्न अग्नि. कर्मकांड के अनुसार ३ अग्नियाँ: गार्हपत्य, आहवनीय, दक्षिणाग्नि. शरीरस्थ १० अग्नियाँ: भ्राजक, रंजक, क्लेदक, स्नेहक, धारक, बंधक, द्रावक,व्यापक, मापक, श्लेष्मक), चित्रक, नीबू, भिलावाँ,' र' का प्रतीक.-कण-पु. चिंगारी, चिन्गारी.-कर्म/कर्मन -पु. अग्निहोत्र, शवदाह, अंत्येष्टि, गर्म लोहे से दागना.-कला-स्त्री. अग्नि के दशविध अवयवों-वर्णों या मूर्तियों में से कोई एक.-काण्ड/कांड-पु.
आग लगाना, जलाना, आगजनी.-कारिका-स्त्री. 'अग्निदूतं पुरोदधे...' मन्त्र जिससे अग्न्याध्यान किया जाता है.-कार्य- पु. अग्नि में आहुति देना, लोहे से दागना, गर्म तेल आदि से अर्बुद/मस्से आदि को जलाना, देखें 'प्रतिसारण'.-काष्ठ- पु. अरणीकी लकड़ी.-कीट-पु. समंदर नामक कीड़ा.-कुण्ड/कुंड-पु. वेदी, हवनकुंड.-कुक्कुट-पु. लूका.-कुमार-पु. शिवके पुत्र कार्तिकेय, एक अग्निवर्धक रस. -कुल-पु.क्षत्रियों का एक वंश जिसकी उत्पत्ति अग्निकुंड से मान्य है: परमार, 
परिहार,चालुक्य/सोलंकी, चौहान/चव्हाण.-केतु-पु. धुआँ, शिव, रावण सेना के दो राक्षस जो राम द्वारा मारे गये थे.-कोण-पु., आग्नेय-पु.-दिक्/दिशा-स्त्री. पूर्व-दक्षिण का कोना,-क्रिया-स्त्री. शव का दाह, दागना.-क्रीड़ा-स्त्री. आतिशबाजी, रंग-बिरंगी विद्युत्-सज्जा, बिजली से सजावट.-गर्भ- वि.जिसके अन्दर आग हो, जिससे आग उत्पन्न हो. पु. अरनी, सूर्यकांत मणि, आतिशी शीशा. -पर्वत-पु. ज्वालामुखी पहाड़,.-गर्भा-स्त्री. शमी वृक्ष, महाज्योतिष्मती लता, पृथ्वी.-गृह-पु.होमाग्नि रखने का स्थान.-चक्र-शरीर के अन्दर के ६ चक्रों में से एक योग.-चय/चयन- पु. अग्न्याधान/अग्न्याधान करने का मन्त्र,-चित-अग्निहोत्री,-/जन्/जन्मा/जात-पु. अग्निजार वृक्ष, सुवर्ष, कार्तिकेय, विष्णु.वि. अग्नि से उत्पन्न, अग्नि उत्पन्न करनेवाला/अग्निद, पाचक.-जार/जा-पु.सिन्धुफला, गजपिप्पली का पेड़.-जिव्ह-पु. देवता, वाराह रूपधारी विष्णु, वि. अग्नि ही जिसकी जीभ है.-जिव्हा-स्त्री. आग की लपट, अग्नि की ७ जीभें काली, कराली, मनोजवा, सुलोहिता,धूम्रवर्णा, उग्रा, प्रदीप्ता, लांगली वृक्ष, जिसकी जीभ आग उगलती हो, जिसके बोलने से सुननेवाले को आग लगने की तरह प्रतीत हो.-जीवी/विन-पु. अग्नि के आधार पर काम करनेवाला/जिसका काम बिना अग्नि के न हो सके-सुनार, लुहार, हलवाई आदि. -ज्वाल- पु. शिव.-ज्वाला-स्त्री.
आग की लपट, जलपिप्पली, घातकी.-टुंडावती-स्त्री. अजीर्ण दूर करने की एक गोली आयु.-तेजा/तेजस- वि. अग्नि सदृश तेजधारी.-त्रय- पु.-त्रेता/त्रयी- स्त्री. यथाविधि स्थापित ३ प्रकार की अग्नि गार्हपत्य, आहवनीय, रक्षित. -दंड- पु. आग में जलाने का दंड.-- पु. आग देने/लगाने वाला दाहक, जलानेवाला.-दग्ध-वि. चिता पर विधिवत जलाया गया.पु. एक पितृवर्ग.-दमनी-स्त्री. एक क्षुप.-दाता/तृ-पु. अंतिम कृत्य (दाहकर्म) करनेवाला. -दान-पु. जलाना, शवदाह,-दिव्य-पु.अग्निपरीक्षा,-दीपक-वि. पाचनशक्तिवर्धक,-दीपन-पु. जठराग्नि का दीपन, पाचनशक्ति की वृद्धि, पाचनशक्तिवर्धक औषधि. -दीप्ता- स्त्री. महाज्योतिष्मती लता.-दूत-पु. यज्ञ, यज्ञ में आवाहित देवता.-देव-अग्नि भगवान -'प्रगटे अगिनी देव चरु लीन्हें' राम.-देवा-स्त्री. कृत्तिका नक्षत्र.-धान- पवित्र अग्नि रखने का स्थान.-नक्षत्र-कृत्तिका नक्षत्र.-निर्यास- पु. अग्निजार वृक्ष.-नेत्र- पु. देवता मात्र.-पक्व-वि. आगपर पकाया हुआ.-पथ-पु. जलते अंगारे जिन पर भक्त चलते हैं, डॉ. हरिवंशराय बच्चन की प्रसिद्ध कविता, अमिताभ बच्चन अभिनीत हिन्दी चलचित्र. 
-परिक्रिया-स्त्री. अग्निचर्या, होमादि करना.-परिगृह-पु. शास्त्रोक्त अग्नि को अखंड रखने का व्रत.-परिधान-पु. यज्ञाग्नि को परदेसे घेरना.-परीक्षा-स्त्री. अग्नि द्वारा परीक्षा,जलती आग या खौलते तेल से किसी के दोषी/
निर्दोष होने की जाँच, सोने-चाँदीआदि को आग में तपकर परखना, कठिन परीक्षा.-पर्वत-पु. ज्वालामुखी पहाड़ -पुराण-पु. महर्षि व्यास द्वारा लिखे गये १८ महापुराणों में
से एक जिसे अग्नि ने सर्वप्रथम वशिष्ठ ऋषि को सुनाया था.-पूजक-पु. आग की पूजा करनेवाला, पारसी.-प्रणयन-पु. अग्निहोत्रकी अग्नि का मन्त्रपूर्वक संस्कार करना.-प्रतिष्ठा-स्त्री. धार्मिक कृत्यों विशेषकर विवाह के अवसर पर अग्नि का आवाहन-पूजन.-प्रवेश-पु. आग में प्रवेश, स्त्री का पति की चिता में प्रवेश.-प्रस्तर-पु. चकमक पत्थर.-बाण- वह तीर जिससे आग की लपट निकले.बाहु-धुआँ, स्वायंभुव मनु का एक पुत्र.-बीज- सोना, 'र' अक्षर.--पु. सोना, कृत्तिका नक्षत्र. वि. अग्नि जैसा चमकनेवाला.-भक्षक/भक्षी-आग खानेवाला. -भू-पु.कार्तिकेय.-भूति-अंतिम तीर्थ करके लौटे ११ शिष्यों में से एक.-मंथ/मंथन-अरणी से रगड़कर आग उत्पन्न करना/इस हेतु प्रयुक्त मंत्र, गनयारी का पेड़.-मथ-पु. अरनी की दो टहनियों से रगड़कर आग उत्पन्न करनेवाला याज्ञिक, अग्निमंथनका मंत्र. अरणीकी लकड़ी.-मणि- पु. सूर्यकांत मणि, आतिशी शीशा.-मान्द्य-पु. जठराग्नि का मंद हो जाना, मन्दाग्नि, हाजमें की खराबी.-मारुति-पु. अगस्त्य ऋषि.-मित्र-पु. शुंगवंशका एक राजा, पुष्यमित्र का बेटा.मिसाइल-स्त्री.भारत का  प्रक्षेपास्त्र जो सुदूर लक्ष्य का अचूक भेदन करने में सक्षम है.-मुख-ब्राम्हण, देवता, प्रेत, अग्निहोत्री, चीते का पेड़,
भिलावाँ, एक अग्निवर्धक चूर्ण.-मुखी-स्त्री. गायत्री मंत्र, भिलावाँ, पाकशाला.-युग-पु. ज्योतिष में मानेगये ५ युगों में से एक.-योजन-पु. अग्नि प्रज्वलित करने की क्रिया.-रंजक-वि. आग से मनोरंजन करनेवाला.-रंजन-आग से खेलकर मनोरंजन करने की कला.-रजा/रजस-पु. बीरबहूटी, वर्षाकाल के बाद हरी घास में मिलनेवाला लाल-मखमली कीड़ा, सोना.-रहस्य-पु. अग्नि की उपासना का रहस्य, शतपथ ब्राम्हण का दसवाँ काण्ड.-रक्षक-पु. आगसे बचानेवाला/लड़नेवाला, फायरफाइटर.-रुहा-स्त्री. मांसरोहिणी नामक पौधा,-रेता/रेतस-पु. सोना.-रोधक- पु. वि. वारक, आग से बचनेवाला, जिस पर आग असर न करे, फायरप्रूफ देखें अग्निसह.इ.-रोहिणी-स्त्री. काँख में
निकलनेवाला फोड़ा जिसमें ज्वर होता है, कँखौरी.-लिंग-पु. आग की लपट
देखकर शुभाशुभ बताने की विद्या.-लोक- पु. अग्निदेव का लोक.-वंश- पु. अग्निकुल.-वधु-स्त्री. स्वाहा.-वर्च/वर्चस-पु. अग्नि का तेज.-वर्ण-वि. अग्नि जैसे रंगवाला.-वर्णा-स्त्री. तेज शराब.-वर्धक/न-वि. पाचनशक्ति बढ़ानेवाला.-वर्षा- स्त्री. बंदूक की गोली, तोप के गोले, बम आदि लगातार गिरना/मिलना/पड़ना.-वल्लभ-पु. अग्निदेव, शाल वृक्ष, राल.-वारक-पु. वि. रोधक, आग से बचनेवाला, जिस पर आग असर न करे, फायरप्रूफ देखें अग्निसह.-वासा/सस-वि. अग्नितुल्य शुद्ध वस्त्रवाला, जो लाल कपड़े पहने हो.-वाह-धुआँ, बकरा.वि. अग्निवाहक.-वाहन- पु. बकरा.-बिंदु-चिंगारी.-विद-वि. अग्निहोत्र जाननेवाला, पु. अग्निहोत्री.-विद्या- स्त्री. अग्निहोत्र, आग से लड़ने/को
नियंत्रित करने की विद्या.-विसर्प-पु. अर्बुद/बवासीर रोगजनित जलन.-वीर्य-अग्नि जैसे तेजवाला. पु. अग्नि का तेज, सोना.-वेश-अग्नि जैसे तेजस्वी, एक आयुर्वेदाचार्य/प्राचीन ऋषि.-शर्मा/शर्मन-अति क्रोधी, एक ऋषि.-शामक दल-दमकल, अग्नि बुझानेवाला प्रशिक्षित दल.-शाला-स्त्री. अग्न्याधान का स्थान.-शिख-पु. कुसुम का वृक्ष, केसर, सोना, दीपक, बाण.-वि. अग्नि जैसी शिखा, ज्वाला या दीप्तिवाला.-शिखा-स्त्री. आग की ज्वाला/लपट, कलियारी पौधा.-शुद्धि-स्त्री. आग में तपाकर शुद्ध करना, अग्निपरीक्षा.-शेखर-पु. केसर, कुसुम, सोना.-ष्टोम-पु. यज्ञविशेष.-ष्ठ-वि. आग पर रखा हुआ, आग पर स्थित, विस्फोटक स्थिति.-ष्वात्त-पु. पितरों का एक गण/वर्ग.-संभव-वि. आग से उत्पन्न. पु.अरन्यकुसुम, सोना, भोजन का रस.-संस्कार-पु. आग जलाना/लगाना, तप्त/गरम करना, अग्नि द्वारा शुद्धि करना, मृतक-दाह, श्राद्ध में एक विधि,-संहिता-स्त्री. अग्निवेश-रचित चिकित्सा-ग्रन्थ,-सखा/सहाय-पु. वायु, धुआँ, जंगली कबूतर,-समाधि-स्त्री.
यौगिक क्रिया द्वारा अपने शरीर को जलाना.-सह-जिस पर अग्नि का असर न हो, जो अग्नि/ताप को सहन करले, अदाह्य, जिसे जलाया न जा सके, फायरप्रूफ इ.-साक्षिक-वि. अग्नि जिसका साक्षी हो, अग्नि को साक्षी कर किया 
गया कार्य.-सात-वि. आग में जलाया हुआ, भस्मसात.-सार-पु. रसांजन.-सेवन- आग तपना/सेंकना.-स्तंभ/स्तंभन-पु. अग्नि की दाहक शक्ति रोकने की क्रिया.हेतु मन्त्र/औषधि.-स्तोक-पु. चिंगारी.-स्नान-पु. आग में जल जाना.-होत्र-पु. वैदिक मन्त्रों से अग्नि में आहुति देना, विवाह की साक्षीभूत अग्नि में नियमपूर्वक हवन करना.-होत्री/त्रिन-वि. पु. अग्निहोत्र करनेवाला.

गुरुवार, 28 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १७ 'अग' से प्रारंभ शब्द : ४. संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : १७  संजीव 'सलिल'



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संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, सूर.-सूरदास, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

'अग' से प्रारंभ शब्द : ४.

संजीव 'सलिल'
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अगि - स्त्री. अग्नि का समास में प्रयुक्त विकृत रूप,-दधा-वि. अग्निदग्धा, आग से जला हुआ,-दाह- पु. देखें अग्निदाह.-हाना-पु. अग्नि जलने या रखने का स्थान.
अगिन - स्त्री. आग, एक छोटी चिड़िया, एक घास, ईख / गन्ने का ऊपरी हिस्सा. वि. बहुत अधिक, अगणित,-झाल-स्त्री. जलपिप्पली.-वाव-पु. घोड़ों / चौपायों को होने वाला एक रोग.-बोट-स्टीमर.-गोला-नापाम बम, बम जिसके फटने पर आग लग जाये.
अगिनत / अगिनित - वि. देखें अगनित.
अगिया - स्त्री. अगिन घास. पु. एक पौधा, चौपायों गायों / घोड़ों का एक रोग जिसमें पैरों में छाले पड़ जाते हैं, विक्रमादित्य का एक बैताल.-कोइलिया- पु. बैताल पच्चीसी में वर्णित दो बैताल जिन्हें विक्रमादित्य ने सिद्ध किया था.-बैताल- पु. विक्रमादित्यको सिद्ध दो बैतालों में से एक, मुंह से आग उगलनेवाला प्रेत, घूमती हुई सी ज्योति, दलदल आदि से निकलने वाली ज्वलनशील वायु जिसकी लपट दिखाई देती है.   
अगियाना - अक्रि. गरम होना, उत्तेजित होना, गुस्सा / क्रुद्ध होना. सक्रि. बर्तन को आग में डालकर शुद्ध करना.
अगियार - पु. पूजा के लिए जलायी जानेवाली आग, वि. जिसकी दमक / आग अधिक समय तक रहे या तेज हो (ईंधन लकड़ी, कोयला, कंडा आदि)
अगियारी - स्त्री. धूप की तरह अग्नि में डालने की वस्तु. पु. पारसियों का मंदिर.
अगिर - पु. सं. स्वर्ग, सूर्या, अग्नि, एक राक्षस.
अगिरी - स्त्री. घर का अगवाड़ा.
अगिरीका / कस - वि. सं. स्वर्ग में रहनेवाला, देवता. धमकी से न रुकनेवाला.
अगिला - वि. देखें अगला.
अगिलाई - स्त्री. अग्निदाह, -'जोन्ह नहीं सु नई अगिलाई', घनानन्द, झगडा लगाना, लड़वाना.
अगीठा - पु. सामने का हिस्सा, अगवाड़ा, पान जैसा किन्तु उससे बड़े आकार के पत्तोंवाला पौधा.
अगीत - छन्दरहित/तुकहीन गीत.
अगीत-पछीत - पु. अगवाड़ा-पिछवाड़ा. अ. आगे-पीछे.

बुधवार, 20 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १३ अख से प्रारंभ शब्द : -- संजीव 'सलिल'

हिंदी शब्द सलिला : १३      संजीव 'सलिल'

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संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

अख से प्रारंभ शब्द : 

संजीव 'सलिल'
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अखंग - वि. न चुकनेवाला.
अखंड - वि. सं. संपूर्ण, अविकल, पूरा, अटूट, निर्बाध, बाधारहित, जिसका सिलसिला न टूटे. -द्वादशी- स्त्री. मार्गशीर्ष शुक्ला द्वादशी. -पाठ- आदि से अंत तक बिना रुके चलने वाला पाठ. -सौभाग्य- पु. स्त्री के जीवनांत तक पति का जीवित रहना, सधवा, विधवा न होना.
अखंडन - वि. सं. अखंडित, अखंडनीय, समूचा. पु. परमात्मा, काल,समय, स्वीकार, खंडन न करना.
अखंडनीय - वि. सं. जिसका खंडन न किया जा सके, सुदृढ़, अविभाज्य.
अखंडल - वि. अखंड, संपूर्ण. पु. आखण्डल, इंद्र.
अखंडित - वि. सं. अखंड, अटूट, अबाधित, जिसका खंडन न हुआ हो.
अखगरिया - पु. एक तरह का दोष (एब) युक्त घोड़ा.
अखज - वि. अखाद्य, न खाने योग्य, अभक्षणीय, अभोजनीय.
अखट्ट - पु. सं. प्रियाल वृक्ष.
अखट्टि - स्त्री. सं. बाल-कल्पना, असद्व्यवहार.
अखड़ा - पु. दे. ताल के बीच का गड्ढा, जो खड़ा न हो, बैठा / लेटा.
अखड़ैत - पु. पहलवान, मल्ल.
अखती - स्त्री. दे. देखें, अखतीज.
अखतीज - स्त्री. अक्षय तृतीया.
अखनी - स्त्री. यखनी, शोरबा, तरल मसाला, करी इं.
अखबार - पु. अर. खबर का बहुवचन, कई समाचार, समाचारों, समाचार पत्र, न्यूज पेपर इं. -नवीस- अखबार लिखनेवाला, पत्रकार, -नवीसी- स्त्री. पत्रकारी, पत्रकारिता, जर्नलिज्म इं.
अखबारी - वि. समाचार पत्र संबंधी, समाचार पत्र में छपी.
अखय - वि., दे., देखें अक्षय.
अखर - पु., दे., देखें अक्षर.
अखरना - अक्रि., खलना, बुरा लगना, काठी / कष्टप्रद अनुभव होना.
अखरा - पु., बिना कुटे जौ का आटा, अक्षर. वि. जो खरा (सच्चा) न हो, खोता / झूठा.
अखरावट - स्त्री. वर्णमाला, अक्षर क्रम, अल्फाबेट्स इं. अक्षरक्रम के अनुसार पद्य समूह, आद्याक्षरी काव्य, मालिक मुहम्मद जायसी रचित एक लघु ग्रंथ.
अखरावटी- स्त्री. अखरावट में निहित.
अखरोट - एक मेवा, अखरोट का पेड़. -जंगली- पु. जायफल.
अखर्व - वि. सं. जो छोटा या ठिगना न हो, बड़ा, लंबा, दीर्घ, महत. 
अखर्वा - स्त्री. सं. एक पौधा.
अख़लाक़ - पु. अर./ वि. शिष्ट / ता, शालीन / ता, सौजन्य / ता, सदाचार / रिता.
अखाड़ा - पु. कुश्ती लड़ने या कसरत करने का स्थान, व्यायामशाला, दंगल, जिम इं., सांप्रदायिक साधुओं की मंडली, साधुओं के रहने का स्थान, मठ, करतब दिखाने या गाने-बजानेवालों की जमात, सभा, दरबार, अड्डा, जमघट, आँगन, -इन्दर का अखाड़ा- नृत्यशाला, रंगशाला. मुहा. -गरम होना- अधिक भीड़ होना. -जमना- खिलाड़ियों व दर्शकों का अखाड़े में जमा होना, भीड़ जुटाना, अनेक व्यक्ति एकत्र होना, -अखाड़े का जवान- कसरती शरीर का व्यक्ति, स्वस्थ्य व्यक्ति, -अखाड़े में आना / उतरना- चुनौती देना, मुकाबले में उतरना, लड़ने के लिए तैयार होना, ललकारना.
अखाड़िया - वि. दंगली, पहलवान, मल्ल, अन्य मल्लों को पछाड़नेवाला, रेस्ट्लर इं.
अखात - पु. सं. प्राकृतिक झील, ताल, खाड़ी.
अखाद्य - वि. सं. अखाद्य, न खाने योग्य, अभक्षणीय, अभक्ष्य, अभोजनीय.
अखानी - स्त्री. कृषि में देंवरी के समय डंठल एकत्र करने का औजार.
अखार - पु. कुम्हार द्वारा मिट्टी का सामान बनाने के लिए चके / चाक पर रखा जानेवाला मिट्टी का लोंदा (चिकनी मिट्टी के महीन चूर्ण को पानी में सानकर बने गया गोला).
अखारा - पु. दे. देखें अखाड़ा.
अखिन्न - वि ,खेदरहित, क्लेशरहित, अक्लांत, प्रसन्न.
अखिल - वि. सं. सकल, सब, समस्त, संपूर्ण, सारा, कृषि-योग्य / कृष्ट भूमि.
अखिला - वि. अविकसित, अप्रसन्न, मुर्झाया.
अखिलात्मा /त्मन - पु. सं. ईश्वर, चित्रगुप्त, परमात्मा, विश्वात्मा.
अखिलेश - पु. सं. चित्रगुप्त, परमेश्वर, सबका स्वामी.
अखीन - वि. अक्षीण, न छीजनेवाला, अविनाशी.
अखीर - पु. अर. अंत, समाप्ति, खात्मा उ., एंड इं.
अखीरी - वि. अखीरका, अंतिम, आख़िरी, ईश्वरी.
अखुटित - लगातार, निरंतर, बराबर, सतत.
अखूट - वि. अखंड, जो खंडित / क्षतिग्रस्त न हो, जो घटे नहीं, अक्षय, अक्षर, अत्यधिक, अविनाशी, अनंत. 
अखेट - पु. देखें आखेट.
अखेटक - पु. देखें आखेटक.
अखेटिक - पु. सं. वृक्ष, वह कुत्ता जिसे शिकार का पीछा करना सिखाया गया हो, शिकारी कुत्ता. 
अखेद - पु. सं. दुःख / खेद का अभाव, प्रसन्नता, खुशी, हर्ष. वि. प्रसन्न, खुश, हर्षित, दुःखरहित. अ.प्रसन्नता / हर्ष पूर्वक / सहित.
अखेदी / दिन - वि. सं. अक्लांत, जो थका न हो, स्त्री. अखेदिनी.   
अखेलत - जो खेलता न हो, अचंचल, स्थिर, आलस्ययुक्त.
अखै - वि. देखें अक्षय. -बट-, -वट-, -बर-, -वर- अक्षय वट.     





अखैनी - स्त्री. सुखाने के लिये डंठल उलटने की लग्गी.
अखोर - वि. निकम्मा, बेकाम, तुच्छ, पु. बेकार वस्तु, कूड़ा-करकट, ख़राब घास, कचरा.
अखोला - पु. अंकोल वृक्ष.
अखोह - पु. ऊबड़-खाबड़ / बंजर / अनूपजाऊ भूमि.
अखौट / अखौटा - चक्की / जाँते की किल्ली, गडारी का डंडा.
अख्खाह - अ. अर. आश्चर्यसूचक उद्गार, बहुत खूब.
अख्ज - पु. अर. ग्रहण करने / लेने / पकड़ने / स्वीकारने का भाव. मुहा.-करना-ग्रहण करना, नतीजा निकालना, बूझना, बात से बात निकलना.    
अख्तर - पु. अर. तरा, झंडा,-शुमार- पु. ज्योतिषी.-शुमारी-स्त्री. जन्मपत्री / कुण्डली बनाना, बेकरारी से / जागते हुए रात काटना. मुहा.-चमकना- नसीब जागना, भाग्योदय.
अख्तियार - पु. देखें इख्तियार.   
अख्यात - वि. सं. अप्रसिद्ध, अप्रतिष्ठित, अविदित.
अख्यान - पु. देखें आख्यान.
अख्यायिका - स्त्री. देखें आख्यायिका.

मंगलवार, 19 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १२ अ से प्रारंभ शब्द : १२ --- संजीव 'सलिल'


हिंदी शब्द सलिला : १२     संजीव 'सलिल'

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संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र, अलं.- अलंकार, अल्प-अल्प (लघुरूप) सूचक, आ.-आधुनिक, आयु.-आयुर्वेद, इ.-इत्यादि, इब.-इबरानी, उ. -उर्दू, उदा.-उदाहरण, उप.-उपसर्ग, उपनि.-उपनिषद, अं.-अंगिका, अंक.-अंकगणित, इ.-इंग्लिश/अंगरेजी, का.-कानून, काम.-कामशास्त्र, क्व.-क्वचित, ग.-गणित, गी.-गीता, गीता.-गीतावली, तुलसी-कृत, ग्रा.-ग्राम्य, ग्री.-ग्रीक., चि.-चित्रकला, छ.-छतीसगढ़ी, छं.-छंद, ज.-जर्मन, जै.-जैन साहित्य, ज्या.-ज्यामिति, ज्यो.-ज्योतिष, तं.-तंत्रशास्त्र, ति.-तिब्बती, तिर.-तिरस्कारसूचक, दे.-देशज, देव.-देवनागरी, ना.-नाटक, न्या.-न्याय, पा.-पाली, पारा.- पाराशर संहिता, पु.-पुराण, पुल.-पुल्लिंग, पुर्त. पुर्तगाली, पुरा.-पुरातत्व, प्र.-प्रत्यय, प्रा.-प्राचीन, प्राक.-प्राकृत, फा.-फ़ारसी, फ्रे.-फ्रेंच, ब.-बघेली, बर.-बर्मी, बहु.-बहुवचन, बि.-बिहारी, बुं.-बुन्देलखंडी, बृ.-बृहत्संहिता, बृज.-बृजभाषा  बो.-बोलचाल, बौ.-बौद्ध, बं.-बांग्ला/बंगाली, भाग.-भागवत/श्रीमद्भागवत, भूक्रि.-भूतकालिक क्रिया, मनु.-मनुस्मृति, महा.-महाभारत, मी.-मीमांसा, मु.-मुसलमान/नी, मुहा. -मुहावरा,  यू.-यूनानी, यूरो.-यूरोपीय, योग.योगशास्त्र, रा.-रामचन्द्रिका, केशवदास-कृत, राम.- रामचरितमानस-तुलसीकृत, रामा.- वाल्मीकि रामायण, रा.-पृथ्वीराज रासो, ला.-लाक्षणिक, लै.-लैटिन, लो.-लोकमान्य/लोक में प्रचलित, वा.-वाक्य, वि.-विशेषण, विद.-विदुरनीति, विद्या.-विद्यापति, वे.-वेदान्त, वै.-वैदिक, व्यं.-व्यंग्य, व्या.-व्याकरण, शुक्र.-शुक्रनीति, सं.-संस्कृत/संज्ञा, सक्रि.-सकर्मक क्रिया, सर्व.-सर्वनाम, सा.-साहित्य/साहित्यिक, सां.-सांस्कृतिक, सू.-सूफीमत, स्त्री.-स्त्रीलिंग, स्मृ.-स्मृतिग्रन्थ, ह.-हरिवंश पुराण, हिं.-हिंदी.     

अ से प्रारंभ शब्द : १२

संजीव 'सलिल'
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अक्षया  - स्त्री. सं. पुण्यतिथि विशेष.
अक्षयिणी - वि. स्त्री. सं. देखें अक्षयी, स्त्री. पार्वती.
अक्षयी / यिन  - वि. सं. जिसका क्षय / नाश न हो, अविनाशी.
अक्षय्य - वि. सं. क्षय न होने योग्य, कभी न चुकनेवाला, -नवमी- स्त्री. कार्तिक शुक्ल नवमी.
अक्षय्योदक - पु. सं. श्राद्ध में पिंडदान के बाद दिया जानेवाला जल, मधु और तिल का अर्ध्य.
अक्षर - वि. सं. अविनाशी, अपरिवर्तनशील, अच्युत, नित्य, अक्षय. पु. वर्ण, हर्फ़ उ., स्वर, शब्द, चित्रगुप्त, ब्रम्हा, आत्मा, शिव, विष्णु, खड्ग, आकाश, मोक्ष, तपस्या, जल, अपामार्ग. -गणित- पु. बीजगणित. -चंचु / चण / चन / चुंचु- पु. सुलेखक. -च्युतक- एक खेल. -जननी- स्त्री. लेखनी. - जीवक / जीविक, जीवी / जीविन- पु. लिखने का व्यवसाय करनेवाला, मुंशी, लेखक. -ज्ञान- पु. लिख-पढ़ लेने की योग्यता, साक्षरता, -तूलिक- स्त्री., लेखनी. -धाम- पु. ब्रम्ह्लोक, मोक्ष. -न्यास- पु. लिखावट, तन्त्र की एक क्रिया. -पंक्ति- स्त्री., एक वैदिक वृत्त. -पूजक- वि. धार्मिक पुस्तकों में लिखी बातों का अक्षरशः पालन करनेवाला. -बंध- पु. एक वर्णवृत्त. -माला- स्त्री. स्त्री. वर्णमाला, अल्फाबेट्स इं., हरूफ उ. -मुख- पु. विद्यार्थी, छात्र, विद्वान्. '' अक्षर, वि. अक्षर सीखनेवाला, -मुष्टिका- स्त्री. उँगलियों के संकेत द्वारा बोलना, -वर्जित / शत्रु- व-. अपढ़, निरक्षर. -विन्यास- पु. वर्णविन्यास, हिज्जे उ., स्पेलिंग इं., लिपि, स्क्रिप्ट इं., -वृत्त- वर्णवृत्त, -संस्थापन- पु. लिपि, लिखे हुए अक्षर, -समाम्नाय- पु. वर्णमाला, मु. -घोंटना- अक्षर लिखने का अभ्यास करना, -से भेंट न होना- अपढ़ होना, मुहा. -काला अक्षर भैंस बराबर- अक्षर ज्ञान न होना.              
अक्षरशः - अ. सं. एक-एक अक्षर, हर्फ़-ब-हर्फ़ उ., सोलहों आने, हू-ब-हू, यथावत, जैसे का तैसा.
अक्षरांग - पु. सं. लिपि, लेखन सामग्री, स्टेशनरी इं.
अक्षरा - स्त्री. सं. शब्द, भाषा, देखें अक्षर.
अक्षराक्षर - पु. सं. एक प्रकार की समाधि.
अक्षरारंभ - पु. सं. एक संस्कार कुल १६, पट्टी पूजन, पहले-पहल अक्षर ज्ञान कराना, विद्यारम्भ.
अक्षरार्थ - पु. सं. शब्दार्थ, संकुचित अर्थ.
अक्षरी - स्त्री. सं. वर्ष ऋतु, वर्तनी, हिज्जे, स्पेलिंग इं.
अक्षरौटी - स्त्री. सं. वर्णमाला, लिपि का ढंग, लिखने का तरीका, सितार पर बोल निकलने की क्रिया.
अक्षर्य - वि. सं. अक्षर संबंधी, पु. एक साम.
अक्षान्ति - स्त्री. सं. ईर्ष्या, अधीरता, असहिष्णुता.
अक्षांश - पु. सं. भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण का अंतर, पृथ्वी की सतह पर स्थित बिंदु की भू केंद्र पर नापी गयी कोणीय दूरी, जबकि यह दूरी विषुवत रेखा से उत्तर या दक्षिण को ली जाती है. विषुवत रेखा पर स्थित सभी स्थलों का अक्षांश शून्य अंश / डिग्री है, ज्यों-ज्यों उत्तर या दक्षिण की ओर हटते हैं त्यों-त्यों अक्षां बढ़कर अंततः ध्रुवों पर ९० अंश हो जाता है.
अक्षाग्र - पु. सं. धुर, धुरे का छोर. -कील- स्त्री. / कीलन पु.- चक्र्रोध के लिये लगाई जानेवाली खूंटी, लट्ठे और जुए को जोड़नेवाली खूंटी.
अक्षार - वि. सं. क्षाररहित, -लवण- पु. खाररहित प्राकृतिक नमक, नमकरहित हविष्यान्न.
अक्षावाप - पु. सं. जारी. जुआ खेलनेवाला.
अक्षि - स्त्री. सं. आँख, २ / दो संख्या, -कंप- पु. पलक झपकाना, आँख मारना. -कूट / कूटक- पु. आँख की पुतली, नेत्र-गोलक. -गत- वि. दृष्ट, देखा हुआ, विद्यमान, द्वेष्य. -गोलक- आँख की पुतली. -तारक / तारा- आँख का तारा, लाड़ला, अति प्यारा, -निमेश- पु. पल, क्षण. -पक्ष्म / न- पु.बरौनी, भौंह. -पटल- पु. आँख का पर्दा, आँख की पुतली के पीछे की झिल्ली. -भू- वि. दृश्य, सत्य, यथार्थ. -भेषज- पट्टिकालोध्र, आँख पर पट्टी रखना / बाँधना. -लोम / न- पु. बरौनी, भौंह. -विकूणित / विकूशित / विक्षेप - पु. कटाक्ष, चितवन, तिरछी नजर उ., यथार्थ.
अक्षिक / अक्षीक - पु. सं. वृक्ष विशेष, रंजन वृक्ष.
अक्षित - वि. सं. जिसका क्षय न हुआ हो, न छीजने / कम होने / घटने वाला, जिसे चोट न लगी हो, पु. जल, दस लाख की संख्या, मिलियन इं., -वसु- पु. इंद्र, सहस्त्रलोचन.
अक्षितर - पु. सं. जल.
अक्षिब / अक्षिव - पु.. सं. देखें अक्षीब.
अक्षीण - वि. सं. क्षीण / नष्ट न होनेवाला, अनश्वर.
अक्षीब - पु. सं. सहिजन, समुद्र-लवण. वि. अमत्त.
अक्षीय - वि. अक्ष /धुरी संबंधी, एक्सिअल इं.
अक्षीव - पु. सं. देखें अक्षीब.
अक्षुण / akshunna - वि सं. अखंडित, अभग्न, अभंग, अन्यून, अपराजित, कुशल.  
अक्षुद्र - वि. सं. जो नीच / छोटा / तुच्छ न हो, पु. शिव.
अक्षुध्य - वि. सं. भूख नष्ट करने / मिटाने वाला, जिसे भूख न लगती हो.
अक्षुब्ध - वि. सं. क्षोभरहित, अनुत्तेजित, शांत.
अक्षेत्र - वि. सं. क्षेत्ररहित, कृषि के अयोग्य, अनुपजाऊ / परती / बंजर. पु. बुरी / ख़राब जमीन, ज्यामिती का अशुद्ध चित्र, मंदबुद्धि छात्र. -ज्ञ / विद- आध्यात्मिक ज्ञान से शून्य, जिसे शरीर की प्रकृति का ज्ञान न हो.
अक्षेत्री / त्रिन - वि. जिसके पास खेत / कृषि-भूमि न हो.
अक्षोट - पु. सं. पर्वतीय पीलू वृक्ष, अखरोट का पेड़.
अक्षोड / अक्षोडक - पु. सं. देखें अक्षोट.
अक्षोधुक - वि. सं. जो भूखा न हो.
अक्षोनि - स्त्री. देखें अक्षौहिणी.
अक्षोभ - पु. सं. क्षोभ / विकार का अभाव, शांति, हाथी बांधने का खूंटा. वि. शांत, धीर, अविचलित, शिव.
अक्षोभ्य - वि. सं. धीर, गंभीर, अशांत न होनेवाला, पु. वृद्ध, एक बड़ी संख्या, -कवच- पु. एक तंत्रोक्त कवच.
अक्षौहिणी - स्त्री. सं. चतुरंगिणी सेना का एक परिमाण या विभाग, (१.०९,३५० पैदल, ६५,६१० घोड़े, २१,८७० रथ और इतने ही हाथी).
अक्ष्ण - वि. सं. अखंड. पु. समय, काल.  
अक्स - पु. अ. परछाईं, छाया, चित्र, तस्वीर उ., फोटो इं., मुहा. -उतारना- हू-ब-हू नकल करना, जैसा का तैसा बनाना, फोटो खींचना. -छाना- रंग हल्का / फीका पड़ जाना / उतर जाना. -लेना- तस्वीर पर पतला झिल्ली कागज रखकर खाका उतारना.    
अक्सर - अ. देखें अकसर, प्रायः, बहुधा, एकाकी.
अक्सी -  वि. छाया संबंधी, अक्स के जरिये लिया जानेवाला चित्र, फोटोग्राफ. -तसवीर- स्त्री. फोटो, छायाचित्र.                                                                       -- क्रमशः