(मूलतः जापानी छंद: ३ पद, वर्ण या अक्षर क्रमशः ५, ७, ५. मात्रा या तुक बंधन नहीं.)
१.
श्रम करल
नियमित रहल
आगे बढ़ल..
*
२.
कबोs थाकत
तोहार इयाद ही
होइ ताकत..
*
३.
विलग न होखे
अइसन विश्वास
तोहरा आभास..
*
४.
आगे का होइ
ईश्वर तू ही जानs
आशा न खोई..
*
५.
मन कागज़
इयाद रोशनाई
लिखल गीत.
*
६.
आग-पुअरा
रखल साथ-साथ
बिसर पानी..
*
७.
ज़रा राखल
चराग जिनिगे के
तोहरे लिए.
*
८.
गीत-गाँव में
समाधी बना दिहs
तोर छाँव में..
*
९.
अगोरे रहे
जे जिंदगी खातिर
अकेले मरे.
*
१०.
कउनौ काज
बिना विघिन-बाधा
कब बनल?
*
११.
हरा देलस
तकदीर के गोटी
जीतत दाँव.
*********************
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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शनिवार, 20 मार्च 2010
भोजपुरी में हाइकु: संजीव 'सलिल'
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