कुल पेज दृश्य

manharan ghanakshari लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
manharan ghanakshari लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 23 मार्च 2019

मनहरण घनाक्षरी

मनहरण घनाक्षरी (३१ वर्ण)
*
मनहरण घनाक्षरी में १६,१५ वर्ण पर यति तथा चरणांत में गुरू होता है। 
*
शालिनी हो, माननी हो, नहीं अभिमाननी हो, 
श्वास-आस स्वामिनी हो मीत मेरी कविता
गति यति लय रस भाव बिंब रूप जस,
प्राण मन आत्मा हो प्रीत मेरी कविता
साधना हो वंदंना हो प्रार्थना हो अर्चना हो
मोहिनी आराधना हो रीत मेरी कविता
शब्द शब्द हो निशब्द सुनें सभी श्रोता गण
हो अतीत अव्यतीत गीत मेरी कविता
***