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मंगलवार, 16 जुलाई 2019

सुभाषित / कहावत

सुभाषित  
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श्लोक:
"विषभारसहस्रेण गर्वं नाऽऽयाति वासुकिः। 
वृश्चिको बिन्दुमात्रेण ऊर्ध्वं वहति कण्टकम्।।"
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दोहानुवाद:
अतुलित विष गह वासुकी, गर्व न कर चुपचाप।
ज़हर-बूँद बिच्छू लिए, डंक उठाए नाप।।
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अर्थ:
वासुकी बिच्छू की तुलना में हजार गुना अधिक ज़हर होने पर भी गर्व नहीं करता। बिच्छू ज़हर की एक बूँद का प्रदर्शन डंक ऊपर उठा कर करता है।
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कहावत: थोथा चना बाजे घना
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भावार्थ: ऐश्वर्यवान अपनी प्रचुर संपदा का भी प्रदर्शन नहीं करते जबकि नवधनाढ्य अल्प संपत्ति होते ही उसका भोंडा प्रदर्शन करते हैं।
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बुधवार, 20 मार्च 2019

होली के दोहे

होली के दोहे
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होली हो ली हो रही, होली हो ली हर्ष  
हा हा ही ही में सलिल, है सबका उत्कर्ष 
होली = पर्व, हो चुकी, पवित्र, लिए हो   
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रंग रंग के रंग का, भले उतरता रंग 
प्रेम रंग यदि चढ़ गया कभी न उतरे रंग 
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पड़ा भंग में रंग जब, हुआ रंग में भंग 
रंग बदलते देखता, रंग रंग को दंग 
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शब्द-शब्द पर मल रहा, अर्थ अबीर गुलाल 
अर्थ-अनर्थ न हो कहीं, मन में करे ख़याल 
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पिच् कारी दीवार पर, पिचकारी दी मार 
जीत गई झट गंदगी, गई सफाई हार 
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दिखा सफाई हाथ की, कहें उठाकर माथ 
देश साफ़ कर रहे हैं,  बँटा रहे चुप हाथ 
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अनुशासन जन में रहे, शासन हो उद्दंड 
दु:शासन तोड़े नियम, बना न मिलता दंड   
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अलंकार चर्चा न कर, रह जाते नर मौन 
नारी सुन माँगे अगर, जान बचाए कौन?
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गोरस मधुरस काव्य रस, नीरस नहीं सराह 
करतल ध्वनि कर सरस की, करें सभी जन वाह 
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जला गंदगी स्वच्छ रख, मनु तन-मन-संसार  
मत तन मन रख स्वच्छ तू, हो आसार में सार 
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आराधे राधे; कहे आ राधे! घनश्याम 
वाम न होकर वाम हो, क्यों मुझसे हो श्याम 
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संवस 
होली २०१८ 

बुधवार, 29 नवंबर 2017

samasyapurti: naak

समस्या पूर्ति: 
नाक   
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नाक के बाल ने, नाक रगड़कर, नाक कटाने का काम किया है 
नाकों चने चबवाए, घुसेड़ के नाक, न नाक का मान रखा है 
नाक न ऊँची रखें अपनी, दम नाक में हो तो भी नाक दिखा लें
नाक पे मक्खी न बैठन दें, है सवाल ये नाक का, नाक बचा लें
नाक के नीचे अघट न घटे, जो घटे तो जुड़े कुछ राह निकालें
नाक नकेल भी डाल सखे हो, न कटे जंजाल तो बाँह चढ़ा लें

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शनिवार, 29 नवंबर 2014

muhavare / kahavat

आँखों आँखों में बात होना =

आँख का काँटा = 

आँख का तारा = अत्यधिक प्रिय। बेटे को आँख का तर बना कर रखा पर बुढ़ापे में काम न आया

आँख खोलना =

आँख चुराना = सत्य बताना। राय प्रवीण के दोहे ने अकबर की आँख खोल दी 

आँख झुकना =  शर्म आना 

आँख झुकाना = नीचा दिखाना 

आँख दिखाना = डराना 

आँख फेरना = 

आँख मारना = 

आँख मिलाना =
आँखें मूंदना =

आँख लड़ना = 



लोकोक्ति: 

अंधों में काना राजा = 

आँख का अंधा नाम नैन सुख: अर्थ - नाम के अनुसार गुण न होना 

अंधे आगे रोना, अपने नैना खोना = नासमझ को समझाना 

एक आँख से देखना = 

गुरुवार, 27 नवंबर 2014

muhavra / kahawat salila: naak

मुहावरे / कहावत सलिला: नाक 

नाक ऊँची होना = सम्मान बढ़ना। बिटिया के प्रथम आने से परिवार की नाक ऊँची हो गयी  
नाक ऊँची रखना = महत्व दिखाना। ब्राम्हणों को अपनी नाक ऊँची रखने की आदत है।  
नाक कटना = प्रतिष्ठा कम होना। गलत फैसलों से खाप पंचायतों की नाक कट गयी है 
नाक घुसेड़ना = हस्तक्षेप करना। बच्चों के बीच में नाक घुसते रहने से बड़ों का सम्मान घटता है  
नाक बचाना =  असामाजिक तत्वों से नाक बचाकर निकलना सही नीति है 
नाक रखना = मान रखना। प्रतियोगिता जीतकर बच्चों ने विद्यालय की नाक रख ली। 
नाक का बाल होना = खुशामदी कर्मचारी अधिकारी की नाक का बाल हो जाता है 
नाक का सवाल = प्रतिष्ठा का प्रश्न। नाक का सवाल हो तो गीदड़ भी शेर से भीड़ जाता है 
नाक पर मख्खी बैठना = प्रतिष्ठा नष्ट होना।  
नाक पर मक्खी न बैठने देना = सम्मान पर आंच न आने देना। 
नाक में दम करना = तंग करना। भारतीय सेना ने आतंकवादियों की नाक में दम कर दी  
नाक में नकेल डालना = नियंत्रित करना। उददण्डता रोकने के लिए नाक में नकेल डालना ही पड़ती है
नाक रगड़ना = दीनता दिखाना।कुकर्म करोगे तो नाक भी रगड़ना पड़ेगी। 
नाक के नीचे = बहुत निकट। नाक के नीचे चोरी हो गयी और पुलिस कुछ नहीं कर सकी
नाकों चने चबवाना = परेशान करना। अत्याधुनिका बहू ने सास-ससुर को नाकों चने चबवा दिये। 
छंद: नाक के बाल ने, नाक रगड़कर, नाक कटाने का काम किया है 
नाकों चने चबवाए, घुसेड़ के नाक, न नाक का मान रखा है 
नाक न ऊँची रखें अपनी, दम नाक में हो तो भी नाक दिखा लें 
नाक पे मक्खी न बैठन दें, है सवाल ये नाक का, नाक बचा लें  
नाक के नीचे अघट न घटे, जो घटे तो जुड़े कुछ राह निकालें 
नाक नकेल भी डाल सखे, न कटे जंजाल तो बाँह चढ़ा लें
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