एक हुए दोहा-यमक
दिलवर का दिल वर लिया
Acharya Sanjiv verma 'Salil'
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दिलवर का दिल वर लिया
संजीव वर्मा 'सलिल'
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दिलवर का दिल वर लिया, सिल ने सधा काज.
दिलवर ने दिल पर किया, ना जाने कब राज?
जीवन जीने के लिये, जी वन कह इंसान.
अगर न जी वन सका तो, भू होगी शमशान..
मंजिल सर कर मगर हो, ठंडा सर मत भूल.
अकसर केसर-दूध पी, सुख-सपनों में झूल..
जिसके सर चढ़ बोलती, 'सलिल' सफलता एक.
अवसर पा बढ़ता नहीं, खोता बुद्धि-विवेक..
टेक यही बिन टेक के, मंजिल पाऊँ आज.
बिना टेक अभिनय करूँ, हो हर दिल पर राज..
दिल पर बिजली गिराकर, हुए लापता आप.
'सलिल' ला पता आपका, करे प्रेम का जाप..
कर धो खा जिससे न हो, बीमारी का वार.
कर धोखा जो जी रहे, उन्हें न करिए प्यार..
पौधों में जल डाल- दें, काष्ठ हवा फल फूल.
डाल कभी भी काट मत, घातक है यह भूल..
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Acharya Sanjiv verma 'Salil'
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