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सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

नवगीत : शिव - गौरा

नवगीत:
संजीव
.
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.
भाँग भवानी कूट-छान के
मिला दूध में हँस घोला
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.
पेड़ा गटकें, सुना कबीरा
चिलम-धतूरा धर झोला
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.
भसम-गुलाल मलन को मचलें
डगमग डगमग दिल डोला
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.
आग लगाये टेसू मन में
झुलस रहे चुप बम भोला
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.
विरह-आग पे पिचकारी की
पड़ी धार, बुझ गै शोला
शिव के मन मांहि
बसी गौरा
.

रविवार, 23 अगस्त 2009

भजन: भोले घर बाजे बधाई -स्व. शांति देवी वर्मा

भोले घर बाजे बधाई

स्व. शांति देवी वर्मा

मंगल बेला आयी, भोले घर बाजे बधाई ...


गौरा मैया ने लालन जनमे,
गणपति नाम धराई.
भोले घर बाजे बधाई ...

द्वारे बन्दनवार सजे हैं,
कदली खम्ब लगाई.
भोले घर बाजे बधाई ...

हरे-हरे गोबर इन्द्राणी अंगना लीपें,
मोतियन चौक पुराई.
भोले घर बाजे बधाई ...

स्वर्ण कलश ब्रम्हाणी लिए हैं,
चौमुख दिया जलाई.
भोले घर बाजे बधाई ...

लक्ष्मी जी पालना झुलावें,
झूलें गणेश सुखदायी.
भोले घर बाजे बधाई ...

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