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रविवार, 19 नवंबर 2017

ghanaksharee

घनाक्षरी
मेरा सच्चा परिचय, केवल इतना बेटा, हिंदी माता का हूँ बेटा, गाता हिंदी गीत हमेशा। चारण हूँ अक्षर का, सेवक शब्द-शब्द का, दास विनम्र छंद का, पाली प्रीत हमेशा।। नेह नरमदा नहा, गही कविता की छैया, रस गंगा जल पीता, जीता रीत हमेशा। भाव प्रतीक बिंब हैं, साथी-सखा अनगिने, पाठक-श्रोता बाँधव, पाले नीत हमेशा।।
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