घनाक्षरी
हिंदी मैया का जैकारा, गुंजा दें सारे विश्वों, देवों, यक्षों-रक्षों में, वे भी आ हिंदी बोलें।
हिंदी मैया दिव्या-भव्या, श्रव्या-नव्या, दूजी कोई भाषा ऐसी ना थी, ना है, ना होगी हिंदी बोलें।।
हिंदी मैया गैया रेवा भू, माताएँ पाँचों पूजें, दूरी मेटें आओ भेंटें, एका हो हिंदी बोलें।
हिंदी है छंदों से नाता, हिंदी गीतों की उद्गाता, ऊषा-संध्या चंदा-तारे, सीखें रे हिंदी बोलें।।
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