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गुरुवार, 12 अक्तूबर 2017

हिंदी ही हिंदी

हिंदी-गीत: १
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी 
हिंदी है भारत की भाषा
हिंदी संविधान की आशा
हिंदी में धड़कन माटी की
हिंदी चाहत परिपाटी की
हिंदी आहट परिवर्तन की
हर बोली की क्यारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
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हिंदी-गीत: २ 
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
हिंदी मन का संस्कार है
हिंदी तन का परिष्कार है
हिंदी अक्षर-शब्द-वाक्य है
हिंदी सुपठित लिपि सुवाच्य है
हिंदी रस, लय, भाव, छंद है
ऐक्य भाव, संचारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
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हिंदी-गीत: ३ 
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
हिंदी श्लोक, मंत्र, गुरुबानी
हिंदी आयत, सत्य-बयानी
हिंदी प्रेयर, हवन-यज्ञ भी
हिंदी बोलें आम-विज्ञ भी
हिंदी की हर बोली अपनी
सबकी सगी-दुलारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी 
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हिंदी-गीत: ४ 
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
हिंदी पनघट-पंचायत है
हिंदी शुभ मुहूर्त-सायत है
हिंदी श्रम, पूँजी, उत्पादन
हिंदी क्रय-विक्रय, विज्ञापन
हिंदी तकनीकों की भाषा
दुःख-पीड़ा उपचारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
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हिंदी-गीत: ५ 
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
हिंदी रीति-नीति की चर्चा
हिंदी प्रेम-प्रीति की अर्चा
हिंदी सत-शिव संविधान है
हिंदी सुंदरता प्रधान है
हिंदी सत-चित-आनंददात्री
सब दिश रास-विहारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
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हिंदी-गीत: ६
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प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
हिंदी संसद, न्यायालय है
हिंदी नुक्कड़, देवालय है
हिंदी पनघट, पंचायत है  
हिंदी शुभ मुहूर्त-सायत है
हिंदी पल-पल नव प्रयास है
  हिंदी

हिंदी घर, आँगन, दरवाज़ा
खिड़की खोल निहारी हिंदी
प्यारी हिंदी, न्यारी हिंदी,
जनगण-मन उजयारी हिंदी
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हिंदी-गीत: ७
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हिंदी नगपति हिमालय, बन छूती आकाश
हो नदीश नित तोड़ती, सीमाओं के पाश 
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हिंदी में रजनीश ने, दिया अनूठा ज्ञान 
मिला महर्षि महेश से, दिव्य वेद विज्ञान
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हिंदी ने युग-युग किया, वाणी का श्रृंगार 
राष्ट्र अस्मिता बचने, दहकी बन अंगार
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हिंदी है जनतंत्र के जन-जन की आवाज़
कोटि-कोटि कंठों बसी, करे ह्रदय पर राज 
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हिंदी दिल से दिल मिला, मिटा रही तकरार
हाथ मिला, पग साथ  धर, बांटो-पाओ प्यार
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घर-घर धर हिंदी कलश, हिंदी-मन्त्र  उचार.
हिन्दवासियों  का 'सलिल', हिंदी से उद्धार..
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दक्षिणभाषी सीखते, हिंदी स्नेह समेत.
उनकी  भाषा सीख ले, होकर 'सलिल' सचेत..
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हिंदी मैया- मौसियाँ, भाषा-बोली अन्य.
मातृ-भक्ति में रमा रह, मौसी होगी धन्य..
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पशु-पक्षी तक बोलते, अपनी भाषा मीत.
निज भाषा भूलते, कैसी अजब अनीत??
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माँ को आदर दे नहीं, मौसी से जय राम.
करे जगत में हो हँसी, माया मिली न राम..
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अंगरेजी में खाँसते, समझें खुद को श्रेष्ठ.
हिंदी की अवहेलना, समझ न पायें नेष्ठ..
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टेबल याने सारणी, टेबल माने मेज.
बैड बुरा माने 'सलिल', या समझें हम सेज..
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जिलाधीश लगता कठिन, सरल कलेक्टर शब्द.
भारतीय अंग्रेज की, सोच करे बेशब्द..
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नोट लिखें या गिन रखें, कौन बताये मीत?
हिन्दी को मत भूलिए, गा अंगरेजी गीत..
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जीते जी माँ ममी हैं, और पिता हैं डैड.
जिस भाषा में श्रेष्ठ वह, कहना सचमुच सैड..
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चचा फूफा मौसिया, खो बैठे पहचान.
अंकल बनकर गैर हैं, गुमी स्नेह की खान..
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गुरु शिक्षक थे पूज्य पर, टीचर हैं लाचार.
शिष्य फटीचर कह रहे, कैसे हो उद्धार?.
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शिशु किशोर होते युवा, गति-मति कर संयुक्त.
किड होता एडल्ट हो, एडल्ट्री से युक्त..
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कॉपी पर कॉपी करें, शब्द एक दो अर्थ.
यदि हिंदी का दोष तो अंगरेजी भी व्यर्थ..
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टाई याने बाँधना, टाई कंठ लंगोट.
लायर झूठा है 'सलिल', लायर एडवोकेट..
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टैंक अगर टंकी 'सलिल', तो कैसे युद्धास्त्र?
बालक समझ न पा रहा, अंगरेजी का शास्त्र..
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प्लांट कारखाना हुआ, पौधा भी है प्लांट.
कैन नॉट को कह रहे, अंगरेजीदां कांट..
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खप्पर, छप्पर, टीन, छत, छाँह रूफ कहलाय.
जिस भाषा में व्यर्थ क्यों, उस पर हम बलि जांय..
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लिख कुछ पढ़ते और कुछ, समझ और ही अर्थ.
अंगरेजी उपयोग से, करते अर्थ-अनर्थ..
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हीन न हिन्दी को कहें, भाषा श्रेष्ठ विशिष्ट.
अंगरेजी को श्रेष्ठ कह, बनिए नहीं अशिष्ट..
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