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रविवार, 29 अक्तूबर 2017

मुक्तक muktak

एक छंद 
राम के काम को, करे प्रणाम जो, उसी अनाम को, राम मिलेगा 
नाम के दाम को, काम के काम को, ध्यायेगा जो, विधि वाम मिलेगा 
देश ललाम को, भू अभिराम को, स्वच्छ करे इंसान तरेगा 
रूप को चाम को, भोर को शाम को, पूजेगा जो, वो गुलाम मिलेगा 

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