चित्र पर रचना:
नीचे दिए चित्र को ध्यान से देखें और मन में उमड़ते भावों कविताबद्ध करें।
मेघदूत
नील नभ से मेघ चुन लूँ
चंद यायावर पुलक फिर,
डाल कर चलभाष पर मैं
बना अपना दूत भेजूँ।
*
श्वेतवर्णी कपोतों सम
मेघदूतों में निहित है प्रीत मेरी।
गह सको तो गहो इसको,
तह सको तो तहो इसको।
उषा किरणों सी सुनहरी
सलिल-बिम्बित रीत मेरी।
'सर' पर न असर कुछ भी
***
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