हिन्दी के नये छंद- १५
वामांगी छंद
हिंदी के नए छंदों की श्रुंखला में अब तक आपने पढ़े- पाँच मात्रिक भवानी, राजीव, साधना, हिमालय, आचमन, ककहरा, तुहिणकण, अभियान, नर्मदा, सतपुडा छंद, शाद मात्रिक महावीर छंद । अब प्रस्तुत है षड्मात्रिक छंद वामांगी।
विधान-
१. प्रति पंक्ति ६ मात्रा।
२. प्रति पंक्ति मात्रा क्रम गुरु गुरु गुरु।
१. प्रति पंक्ति ६ मात्रा।
२. प्रति पंक्ति मात्रा क्रम गुरु गुरु गुरु।
मुक्तिका
जो आता
है जाता
.
नेता जी
आए हैं।
वादे भी
लाए हैं।
ख़्वाबों को
बेचेंगे।
कौओं सा
गाएँगे।
वोटों का
है नाता
जो आता
है जाता
.
वादे हैं
सच्चे क्या?
क्यों पूछा?
बच्चे क्या?
झूठे ही
होता है।
लज्जा भी
खोता हैं।
धोखा दे
धोखा दे
गर्वाता
जो आता
है जाता
.
पाएगा
खोएगा।
झूठा ही
रोएगा।
कुर्सी पा
गर्राता।
सत्ता खो
खो जाता।
पार्टी को
धो जाता।
जो आता
है जाता
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