चलीं सिया गिरिजा पूजन को
चलीं सिया गिरिजा पूजन को, देवी-देव मनात।
तोरी शरण में आयी मैया, रखियो हमरी बात...
फुलबगिया के कुंवर सांवरे, मोरो चित्त चुरात।
मैया, रखियो हमरी बात...
कुंवर सुकोमल, प्रण कठोर अति, मन मोरो घबरात।
मैया, रखियो हमरी बात...
बीच स्वयम्वर अवध कुंवर जू, धनुष भंग कर पात।
मैया, रखियो हमरी बात...
मिले वही जो मैया मोरे मन को भात सुहात।
मैया, रखियो हमरी बात...
सिय उर-श्रद्धा परख उमा माँ, कर में पुष्प गिरात।
मैया, रखियो हमरी बात...
पा माँ का आशीष, सुशीला सिय मन में मुस्कात
मैया, रखियो हमरी बात...
सखी-सहेली समझ न पायीं, काय सिया हर्षात.
मैया, रखियो हमरी बात...
'शान्ति' जुगल-जोड़ी अति सुंदर, जो देखे तर जात।
मैया, रखियो हमरी बात...
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