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मंगलवार, 5 मई 2009

लघुकथा: एक राजा था -डॉ. किशोर काबरा, अहमदाबाद


''एक राजा था!''

बेताल ने कहानी शुरू की और वहीं समाप्त करते हुए विक्रम से पूछा-

''अब बताओ, एक ही राजा क्यों था? अगर तुम जान-बूझकर इसका उत्तर नहीं दोगे तो तुम्हारे सर के सौ टुकड़े हो जायेंगे।

''विक्रम ने कहा-''जनता मूर्ख थी, इसलिए एक ही राजा था,''

इतना सुनते ही बेताल विक्रम के कंधे से उड़कर झाड़ पर लटक गया।

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