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शनिवार, 9 मई 2009

धुँआधार , जबलपुर

2 टिप्‍पणियां:

manvanter ने कहा…

beautifull , achhi jagah hai

सलिल ने कहा…

बचपन में पढी एक कविता 'मैं अभी गया था जबलपुर / सब जिसे जानते दूर-दूर / इस जबलपुर से कुछ हटकर / है भेड़ाघाट बना सुन्दर / नर्मदा जहाँ गिरती अपार / वह जगह कहाती धुंआधार' याद आ गयी.