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मंगलवार, 1 अगस्त 2017

muktak

मुक्तक
बन के अपना पराया तुमने किया
हमने चुप हो ज़हर का घूँट पिया
हों जो तूफ़ान हार जाओगे-
जलेंगे दिल में तेरे बन के दिया
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१-८-२०१६
salil.sanjiv@gmail.com
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#दिव्यनर्मदा
#हिंदी_ब्लॉगर

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