बाल गीत
पीहू
***
रुन-झुन करती आई पीहू।
सब बच्चों को भाई पीहू।
.
बादल गरजे, तनिक न सहमी।
बरखा लख मुस्काई पीहू।
.
चम-चम बिजली दूर गिरी तो,
उछल-कूद हर्षाई पीहू।
.
गिरी-उठी, पानी में भीगी।
गुइयों सहित नहाई पीहू।
.
मैया ने जब डाँट दिया तो-
मचल-रूठ-गुस्साई पीहू ।
.
छप-छप खेले, ता-ता थैया।
मेंढक के संग धाई पीहू।
.
'सलिल' धार से भर-भर अंजुरी।
भिगा-भीग मस्ताई पीहू।
***
salil.sanjiv@gmail.com
http://divyanarmada.blogspot.com
#हिंदी_ब्लॉगर
पीहू
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रुन-झुन करती आई पीहू।
सब बच्चों को भाई पीहू।
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बादल गरजे, तनिक न सहमी।
बरखा लख मुस्काई पीहू।
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चम-चम बिजली दूर गिरी तो,
उछल-कूद हर्षाई पीहू।
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गिरी-उठी, पानी में भीगी।
गुइयों सहित नहाई पीहू।
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मैया ने जब डाँट दिया तो-
मचल-रूठ-गुस्साई पीहू ।
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छप-छप खेले, ता-ता थैया।
मेंढक के संग धाई पीहू।
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'सलिल' धार से भर-भर अंजुरी।
भिगा-भीग मस्ताई पीहू।
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