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शुक्रवार, 14 जुलाई 2017

swasthya sujan

स्वास्थ्य सलिला:
सूजन से डरिए नहीं
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'
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माटी-तन माटी मिले, काया अमर न जान।
चार दिनों की ज़िंदगी, हर मानव महमान।।

इस सनातन सत्य को हम सब जानते हैं, मानते हैं। यह भी सत्य है कि जब तक जीना है, तब तक सीना है। जब तक माटी माटी में नहीं मिलती तब तक उसे सहेजना और सम्हालना भी हमारी ही जिम्मेदारी है क्यों कि वह हमें ईश्वर ने भेंट की है। काय भले ही नश्वर है किन्तु अनश्वर ईश्वर की झलक पाने और अंत में उससे साक्षात कराने का मध्यम काया ही है। जीवन के हर क्षण यहाँ तक कि विश्राम या शयन के समय भी हमारी देह किसी न किसी रूप में कार्यरत रहती है। निरंतर कार्य करने पर थकान, ऊब या अन्य विकार होना स्वाभाविक है। सूजन ऐसा विकार है जो अपने आप में बीमारी नहीं किसी अन्य विकार के लक्षण के रूप में बहुधा चेतावनी देती है कि स्थिति बिगड़ने के पहले सम्हाल लें। अनदेखी या उपेक्षा करने पर लालिमा, दर्द तथा अत्यधिक सूजन होने पर चर्म फटने की तरह असहनीय पीड़ा हो सकती है। दें के आतंरिक भागों में सूजन हो तो पहले कम क्रमश: अधिक दर्द हमें सचेत करता है। सच कहें तो सूजन प्रेशर कुकर की सीटी की तरह हमारी मित्र है जो स्थिति बिगड़ने के पहले ही हमें सजग कर सम्हालने की दिशा में सक्रिय होने का सन्देश देती है। रीर के किसी भी हिस्से में सूजन होना, किसी न किसी समस्या का सूचक होता है।
लक्षण एक कारण अनेक:
सूजन के कई कारण होते हैं। किसी अंगा का सञ्चालन नियमित न हो तथा बहुत देर तक एक ही स्थिति में रहे तो रक्त प्रवाह में बाधा आने से सूजन आ सकती है। बहुधा बहुत देर तक खड़े रहने पर पैरों में सूजन आ जाती है जिसका कारण एक ही दिशा में रक्त प्रवाह होता है। सूजन का दूसरा कारण ह्रदय या गुर्दे द्वारा सही कार्य न करने से दूषित रकर का एअकत्रित होना होता है। शरीर के किसी भाग पर चोट लगने पर शरीर अपनी रक्षा आपने आप करने का प्रयास करता है। फलत: रक्त एकत्र हो जाता है। थायराइड के असंतुलन से भी सूजन होती है। एलर्जी जनित सूजन के साथ खुजली भी होती है।
उपचार:
एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी का चूर्ण और पिसी हुई मिश्री को घोलकर रोज पीने से सूजन कुछ दिनों में खत्म हो जाती है।
गर्म पानी में नमक डालकर कपड़े से सिंकाई सूजन मिटाती है।
हरी सब्जियों के रस का सेवन, लहसुन चबाना, सवेरे टहलना, नीम के पत्ते चबाना, जीरा और चीनी समान मात्रा में पीसकर दिन में ३ बार इसका सेवन करना, खजूर का सेवन करना भी लाभ होता है।
एक लीटर पानी में एक कप जौं को २५० ग्राम पानी रहने तक उबाल लें और फिर इसे ठंडा करके पीते रहने से सूजन घटने लगती है। इस उपाय को भी नियमित रूप से करें।
३५० ग्राम सरसों के तेल में १२० ग्राम लाल मिर्च चूर्ण मिला, उबाल-छानकर सूजन पर इसका लेप करें। सूजन दूर होगी।
पुराने गुड के साथ दस ग्राम सौंठ को मिलाकर खाते रहने से कुछ ही दिनों में सूजन की समस्या ठीक हो जाती है।
नमक को गर्म पानी में डालकर सूजन वाली जगह पर कपड़े से सिकाई करने से सूजन ठीक हो जाती है।
अनन्नास का सेवन करने के बाद दूध पीते रहने से सूजन खत्म होजाती है। यह उपाय लंबे समय तक करें।
अंजीर के रस के साथ जौ को बारीक पिसें आटे को मिलाकर पीते रहने से सूजन आसानी से दूर हो जाती है
खजूर और केला नियमित खाते रहने से थोड़े ही दिनों में सूजन उतर जाती है।
गोबर के उपले को जलाकर बने चूर्ण का लेप तेल के साथ मिलाकर सूजन वाली जगह पर लगाने से सूजन ठीक हो जाती है।
पानी में गेहूं के दाने उबाल लें और इस पानी से सूजन वाली जगह को धोने से कुछ ही दिनों में सूजन उतर जाती है ।
पानी के साथ १/४ चम्मच पिसी हुई हल्दी की फांक लेने से सूजन की समस्या कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगी।
जीरा-चीनी को बराबर मात्रा में पीसकर दिन में तीन बार एक चम्मच खाने ससे थोड़े ही दिनों में सूजन खत्म हो जाएगी।
तरबूज के बीजे छाया में सुखा-पीस लें। एक कप पानी में तीन चम्मच तरबूज के बीज मिलाकर एक घंटा भिगा-छानकर पियें। सूजन कम होकर उतर जाती है। इसका सेवन दिन मे चार बार करें।
आलू काट उबाल कर इससे सूजन पर सेंक करें। आलू के टुकड़ों का लेप करने से सूजन जल्दी उतर जाती है।
एक गिलास पानी में दो चम्मच गाजर के बीज उबालें। इसे ठंडा करके पीएं। रोज करने से सूजन तेजी से खत्म हो जाती है।
मक्खन में काली मिर्च का चूर्ण डालकर अच्छे से मिलाकर खाते रहने से थोड़े ही दिनों में बच्चों की सूजन खत्म हो जाती है।
सूजन दूर करने का आसान तथा श्रेष्ठ उपाय है, अधिक मात्रा में पानी पीना। प्रतिदिन ८-१० गिलास पानी पीना आवश्यक है। पानी अधिक पीने से शरीर में ऑक्सीजन व रक्त की अधिक आपूर्ति होकर शरीर युवा तथा सूजन कम होती है।
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