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बुधवार, 25 जुलाई 2018

muktak

मुक्तक:muktak
संजीव 
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मापनी: २११ २११ २११ २२ 
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आँख मिलाकर आँख झुकाते
आँख झुकाकर आँख उठाते
आँख मारकर घायल करते
आँख दिखाकर मौन कराते
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मापनी: १ २ २ १ २ २ १ २ २ १२२
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न जाओ, न जाओ जरा पास आओ
न बातें बनाओ, न आँखें चुराओ
बहुत हो गया है, न तरसा, न तरसो
कहानी सुनो या कहानी सुनाओ
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२५-६-२०१५
salil.sanjiv@gmail.com
#दिव्यनर्मदा
#हिंदी_ब्लॉगर

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