कुल पेज दृश्य

शनिवार, 23 दिसंबर 2017

परिचय- संजीव

नाम: संजीव वर्मा 'सलिल'। 
संपर्क: विश्व वाणी हिंदी संस्थान, ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपिअर टाउन, जबलपुर ४८२००१। 
           salil.sanjiv@gmail.com, ९४२५१८३२४४, ७९९९५५९६१८। 
जन्म: २०-८-१९५२, मंडला मध्य प्रदेश।  
माता-पिता: स्व. शांति देवी - स्व. राज बहादुर वर्मा। 
प्रेरणास्रोत: बुआश्री महीयसी महादेवी वर्मा।  
शिक्षा: त्रिवर्षीय डिप्लोमा सिविल अभियांत्रिकी, बी.ई., एम. आई. ई., विशारद, एम. ए. (अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र), एलएल. बी., डिप्लोमा पत्रकारिता, डी. सी. ए.। 
संप्रति: पूर्व कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग म. प्र., अधिवक्ता म. प्र. उच्च न्यायालय, अध्यक्ष अभियान जबलपुर, पूर्व वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष / महामंत्री राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद,  पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, संरक्षक राजकुमारी बाई बाल निकेतन, संयोजक विश्ववाणी हिंदी परिषद, संयोजक समन्वय संस्था प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय भोपाल।  
प्रकाशित कृतियाँ: १. कलम के देव (भक्ति गीत संग्रह १९९७), २. भूकंप के साथ जीना सीखें (जनोपयोगी तकनीकी १९९७), ३. लोकतंत्र का मक़बरा (कविताएँ २००१) विमोचन शायरे आज़म  कृष्णबिहारी 'नूर', ४. मीत मेरे (कविताएँ २००२) विमोचन आचार्य विष्णुकांत शास्त्री तत्कालीन राज्यपाल उत्तर प्रदेश, ५. काल है संक्रांति का नवगीत संग्रह २०१६ विमोचन प्रवीण सक्सेना, लोकार्पण ज़हीर कुरैशी-योगराज प्रभाकर, ६. कुरुक्षेत्र गाथा प्रबंध काव्य २०१६ विमोचन रामकृष्ण कुसुमारिया मंत्री म. प्र. शासन।  
संपादन: (क) कृतियाँ: १. निर्माण के नूपुर (अभियंता कवियों का संकलन १९८३),२. नींव के पत्थर (अभियंता कवियों का संकलन १९८५),  ३. राम नाम सुखदाई १९९९ तथा २००९, ४. तिनका-तिनका नीड़ २०००, ५. सौरभः  (संस्कृत श्लोकों का दोहानुवाद) २००३, ६. ऑफ़ एंड ओन (अंग्रेजी ग़ज़ल संग्रह) २००१, ७. यदा-कदा  (ऑफ़ एंड ओं का हिंदी काव्यानुवाद) २००४, ८. द्वार खड़े इतिहास के २००६, ९. समयजयी साहित्यशिल्पी प्रो. भागवतप्रसाद मिश्र 'नियाज़' (विवेचना) २००६, १०-११. काव्य मंदाकिनी २००८ व २०१०। 
(ख) स्मारिकाएँ: १. शिल्पांजलि १९८३, २. लेखनी १९८४, ३. इंजीनियर्स टाइम्स १९८४, ४. शिल्पा १९८६, ५. लेखनी-२ १९८९, ६. संकल्प  १९९४,७. दिव्याशीष १९९६, ८. शाकाहार की खोज १९९९, ९. वास्तुदीप २००२ (विमोचन स्व. कुप. सी. सुदर्शन सरसंघ चालक तथा भाई महावीर राज्यपाल मध्य प्रदेश), १०. इंडियन जिओलॉजिकल सोसाइटी सम्मेलन २००४, ११. दूरभाषिका लोक निर्माण विभाग २००६, (विमोचन श्री नागेन्द्र सिंह तत्कालीन मंत्री लोक निर्माण विभाग म. प्र.) १२. निर्माण दूरभाषिका २००७, १३. विनायक दर्शन २००७, १४. मार्ग (IGS) २००९, १५. भवनांजलि (२०१३), १६. अभियंता बंधु (IEI) २०१३।  ​
(ग) पत्रिकाएँ: १. चित्राशीष १९८० से १९९४, २. एम.पी. सबॉर्डिनेट इंजीनियर्स मंथली जर्नल १९८२ - १९८७, ३. यांत्रिकी समय १९८९-१९९०, ४. इंजीनियर्स टाइम्स १९९६-१९९८, ५. एफोड मंथली जर्नल १९८८-९०, ६. नर्मदा साहित्यिक पत्रिका २००२-२००४। 
(घ). भूमिका लेखन: ३६ पुस्तकें। 
(च). तकनीकी लेख: १५। 
अप्रकाशित कार्य-  
मौलिक कृतियाँ: 
जंगल में जनतंत्र, कुत्ते बेहतर हैं ( लघुकथाएँ),  आँख के तारे (बाल गीत), दर्पण मत तोड़ो (गीत), आशा पर आकाश (मुक्तक), पुष्पा जीवन बाग़ (हाइकु), काव्य किरण (कवितायें), जनक सुषमा (जनक छंद), मौसम ख़राब है (गीतिका), गले मिले दोहा-यमक (दोहा), दोहा-दोहा श्लेष (दोहा), मूं मत मोड़ो (बुंदेली), जनवाणी हिंदी नमन (खड़ी बोली, बुंदेली, अवधी, भोजपुरी, निमाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, राजस्थानी, सिरायकी रचनाएँ), छंद कोश, अलंकार कोश, मुहावरा कोश, दोहा गाथा सनातन, छंद बहर का मूल है, तकनीकी शब्दार्थ सलिला।   
अनुवाद: 
(अ) ७ संस्कृत-हिंदी काव्यानुवाद: नर्मदा स्तुति (५ नर्मदाष्टक, नर्मदा कवच आदि), शिव-साधना (शिव तांडव स्तोत्र, शिव महिम्न स्तोत्र, द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र आदि),रक्षक हैं श्री राम (रामरक्षा स्तोत्र), गजेन्द्र प्रणाम ( गजेन्द्र स्तोत्र),  नृसिंह वंदना (नृसिंह स्तोत्र, कवच, गायत्री, आर्तनादाष्टक आदि), महालक्ष्मी स्तोत्र (श्री महालक्ष्यमष्टक स्तोत्र), विदुर नीति।  
(आ) पूनम लाया दिव्य गृह (रोमानियन खंडकाव्य ल्यूसिआ फेरूल)। 
​(इ) सत्य सूक्त (दोहानुवाद)। 
रचनायें प्रकाशित: मुक्तक मंजरी (४० मुक्तक), कन्टेम्परेरी हिंदी पोएट्री (८ रचनाएँ परिचय), ७५ गद्य-पद्य संकलन, लगभग ४०० पत्रिकाएँ। मेकलसुता पत्रिका में २ वर्ष तक लेखमाला 'दोहा गाथा सनातन' प्रकाशित, पत्रिका शिकार वार्ता में भूकंप पर आमुख कथा।
परिचय प्रकाशित ७ कोश।
अंतरजाल पर- १९९८ से सक्रिय, हिन्द युग्म पर छंद-शिक्षण २ वर्ष तक, साहित्य शिल्पी पर 'काव्य का रचनाशास्त्र' ८० अलंकारों पर लेखमाला, छंदों पर लेखमाला जारी ८० छंद हो चुके हैं।
सम्मान- १० राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरयाणा, दिल्ली, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, बंगाल) की विविध संस्थाओं द्वारा शताधिक सम्मान तथा अलंकरण। प्रमुख सरस्वती रत्न, संपादक रत्न, विज्ञान रत्न, २० वीं शताब्दी रत्न, आचार्य, वाग्विदाम्बर, साहित्य वारिधि, साहित्य शिरोमणि, वास्तु गौरव, मानस हंस, साहित्य गौरव, साहित्य श्री(३), काव्य श्री, भाषा भूषण, कायस्थ कीर्तिध्वज, चित्रांश गौरव, कायस्थ भूषण, हरि ठाकुर स्मृति सम्मान, सारस्वत साहित्य सम्मान, कविगुरु रवीन्द्रनाथ सारस्वत सम्मान, युगपुरुष विवेकानंद पत्रकार रत्न सम्मान, साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान, भारत गौरव सारस्वत सम्मान, कामता प्रसाद गुरु वर्तिका अलंकरण, उत्कृष्टता प्रमाणपत्र, सर्टिफिकेट ऑफ़ मेरिट, लोक साहित्य अलंकरण गुंजन कला सदन जबलपुर २०१७, राजा धामदेव अलंकरण २०१७ गहमर, युग सुरभि २०१७,  आदि।

कोई टिप्पणी नहीं: