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शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

एक शे'र : इन्तिज़ार - आचार्य संजीव 'सलिल'

मिलन के पल तो कटे बाप के घर बेटी से।

जवां बेवा सी घड़ी इन्तिज़ार की है 'सलिल'॥

-दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
-संजिव्सलिल.ब्लागस्पाट.कॉम

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