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बुधवार, 8 अप्रैल 2009

स्तवन : माँ शारदा अवनीश तिवारी

नारद के काव्य में,

मोहन की बंसी में,

नटराज के नृत्य में

सर्वत्र माँ शारदा

सुर और ताल में ,

गुण और गान में ,

वेद और पुराण में ,

सर्वत्र माँ शारदा

मस्तिष्क की संवेदना में ,

मन की वेदना में,

ह्रदय की भावना में

सर्वत्र माँ शारदा

मेरी मुक्त स्मृतियों में ,

ऋचा और कृतियों में ,

एकांत की अनुभूतियों में ,

सर्वत्र माँ शारदा
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