नारद के काव्य में,
मोहन की बंसी में,
नटराज के नृत्य में
सर्वत्र माँ शारदा
सुर और ताल में ,
वेद और पुराण में ,
सर्वत्र माँ शारदा
मस्तिष्क की संवेदना में ,
मन की वेदना में,
ह्रदय की भावना में
सर्वत्र माँ शारदा
मेरी मुक्त स्मृतियों में ,
ऋचा और कृतियों में ,
एकांत की अनुभूतियों में ,
सर्वत्र माँ शारदा
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