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सोमवार, 27 अप्रैल 2009

भजन सलिला : दरश को आये शंकर जी -स्व. शांति देवी वर्मा


अवध में जन्में हैं श्री राम
अवध में जन्में हैं श्री राम, दरश को आए शंकरजी...

कौन गा रहे?, कौन नाचते?, कौन बजाएं करताल?

दरश को आए शंकरजी...

ऋषि-मुनि गाते, देव नाचते, भक्त बजाएं करताल.
दरश को आए शंकरजी...

अंगना मोतियन चौक है, द्वारे हीरक बन्दनवार.
दरश को आए शंकरजी...

मलिन-ग्वालिन सोहर गायें, नाचें डे-डे ताल.
दरश को आए शंकरजी...

मैया लाईं थाल भर मोहरें, लो दे दो आशीष.

दरश को आए शंकरजी...

नाग त्रिशूल भभूत जाता लाख, डरे न मेरो लाल
दरश को आए शंकरजी...

बिन दर्शन हम कहूं न जैहें, बैठे धुनी रमाय.
दरश को आए शंकरजी...

अलख जगाये द्वार पर भोला, डमरू रहे बजाय.
दरश को आए शंकरजी...

रघुवर गोदी लिए कौशल्या, माथ डिठौना लगाय.
दरश को आए शंकरजी...

जग-जग जिए लाल माँ तेरो, शम्भू करें जयकार.
दरश को आए शंकरजी...

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