आदरणीय ममता जी
वंदे भारत-भारती।
"अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच" के संबंध में अभी ही भावना सक्सेना जी से जानकारी मिली। मैंने प्रयास किय पर फोन नहीं जुड़ सका।
आपके सारस्वत अनुष्ठान से जुड़कर उसे पूर्ण करना चाहूँगा।
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान राज्यों से भली-भाँति परिचित हूँ। इनमें से किसी भी या सभी के संदर्भ में लेखा कर सकता हूँ।
छंद मेरा प्रिय विषय है। दो दशकों में ५०० से अधिक रचनाकारों को छंद लिखना सिखाया है तथा ३०० से अधिक नए छंद बनाए हैं। चौपाई छंद सरस, सहज और लोकप्रिय छंदों में से एक है। प्रस्तुत हैं सद्य रचित चौपाई-
प्रिय ममता जी नमन आपको। अर्पित शब्दित सुमन आपको।।
अनुष्ठान यह मन को भाया। इसीलिए यह पत्र पठाया।।
कहा भावना जी ने मुझसे। बनूँ सहायक झटपट जिससे।।
चौपाई है छंद मनोहर। कवि-पाठक का मन लेता हर।।
छंद मुझे प्रिय लगा सदा ही। सीख रहा, कुछ लगे सधा भी।।
माँ शारद की कृपा अपरिमित। है सामर्थ्य किंतु मम सीमित।।
तदपि प्रयास निरंतर करता। मन न छंद से किंचित भरता।।
मध्य प्रदेश ह्रदय भारत का। है रमणीक सुहृद मन हरता।।
बसा जबलपुर नगरी में मैं। नदी नर्मदा विमल बही है।।
करें आप भी परिचय किंचित। सुख पाएँ होगा मन प्रमुदित।।
जबलपुर में शुभ प्रभात - (दोहा)
*
रेवा जल में चमकतीं, रवि-किरणें हँस प्रात।
कहतीं गौरीघाट से, शुभ हो तुम्हें प्रभात।।१।।
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सिद्धघाट पर तप करें, ध्यान लगाकर संत।
शुभप्रभात कर सूर्य ने, कहा साधना-तंत।।२।।
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खारी घाट करा रहा, भवसागर से पार।
सुप्रभात परमात्म से, आत्मा कहे पुकार।।३।
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साबुन बिना नहाइए, करें नर्मदा साफ़।
कचरा करना पाप है, मैया करें न माफ़।।४।।
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मिलें लम्हेटा घाट में, अनगिन शिला-प्रकार।
देख, समझ पढ़िये विगत, आ आगत के द्वार।।५।।
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है तिलवारा घाट पर, एक्वाडक्ट निहार।
नदी-पाट चीरे नहर, सेतु कराए पार।।६।।
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शंकर उमा गणेश सँग, पवनपुत्र हनुमान।
देख न झुकना भूलना, हाथ जोड़ मति मान।।७।।
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पोहा-गरम जलेबियाँ, दूध मलाईदार।
सुप्रभात कह खाइए, कवि हो साझीदार।।८।।
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धुआँधार-सौन्दर्य को, देखें भाव-विभोर।
सावधान रहिए सतत, फिसल कटे भव-डोर।।९।।
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गौरीशंकर पूजिए, चौंसठ योगिन सँग।
भोग-योग संयोग ने, कभी बिखेरे रंग।।१०।।
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नौकायन कर देखिये, संगमरमरी रूप।
शिखर भुज भरे नदी को, है सौन्दर्य अनूप।११।।
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बहुरंगी चट्टान में, हैं अगणित आकार।
भूलभुलैयाँ भुला दे, कहाँ गई जलधार?।१२।।
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बंदरकूदनी देख हो, लघुता की अनुभूति।
जब गहराई हो अधिक, करिए शांति प्रतीति।।१३।।
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कमल, मगर, गज, शेर भी, नहीं रहे अब शेष।
ध्वंस कर रहा है मनुज, सचमुच शोक अशेष।।१४।।
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मदनमहल अवलोकिए, गा बम्बुलिया आप।
थके? करें विश्राम चल, सुख जाए मन-व्याप।।१५।।
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शेष आपसे प्रत्युत्तर मिलने पर
शुभाकांक्षी
संजीव
(आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल')
९४२५१८३२४४
salil.sanjiv@gmail.com
divyanarmada.in
+255 787 774 342 Bhawna ने आज 3:36 PM बजे भेजा आपका नम्बर भी भेज दिया
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मित्रों नमस्कार,
इस बार "अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच" द्वारा भारत के सभी प्रदेशों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को विषय बना कर काव्य अनुष्ठान का आयोजन निश्चित हुआ है।
1. इस "भारत को जानें" परियोजना में हमें सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों पर रचनाएँ लिखनी है। रचनाएँ हिन्दी भाषा में चौपाई छन्द में की जानी हैं।
2. प्रत्येक राज्य पर रचना कार्य हेतु 7 लोगों का चयन किया जाएगा। चयनित रचनाकार निम्नलिखित में से किसी एक आवंटित वर्ग में वर्णित बिन्दुओं पर संबंधित राज्य के विषय में चौपाइयाँ लिखेंगे।
वर्ग 1 जनसांख्यिकी संजीव वर्मा 'सलिल' ९४२५१ ८३२४४
1-राज्य की उत्पत्ति, स्थापना, आधार
2-राजधानी
3-जनसंख्या
4-आर्थिक स्थिति
5-शिक्षा का स्तर
6-धर्म
7-मंडल तथा जिले
8-नगर तथा कस्बे आदि-आदि
वर्ग 2 (संस्कृति, कला, साहित्य )
9 -लोकगीत
10-लोकनृत्य
11-लोकभाषा
12-खानपान
13. व्रत
14-त्यौहार
15 वास्तुकला
16 मूर्तिकला
17 वेशभूषा
18 साहित्य आदि-आदि
वर्ग 3 (उपलब्धियाँ)
19- उत्पादन में प्रमुख
20 प्रमुख व्यवसाय
21. निर्माण में सर्वोपरि
22-स्मारक
23. नई खोज
24.प्रमुख बातें
25. मुख्य उपलब्धियां आदि
वर्ग 4 ( इतिहास) अरविन्द श्रीवास्तव दतिया ९४२५७ २६९०७
26 ऐतिहासिक घटनाएँ
27. मेला ,कुम्भ
28.राजा, महाराजा
29 पौराणिक कथाएँ
30. ऐतिहासिक यात्रा आदि-आदि
वर्ग 5-(प्राकृतिक सौन्दर्य)
31-पशु
32 -पक्षी
33-पुष्प
34-वृक्ष
35- पर्यटन स्थल
36-झीलें
37 नदियां आदि-आदि
वर्ग 6 ( भौगोलिक संरचना) अखिलेश सक्सेना, कासगंज ८४३३० ९८८११
38-बांध
39 समुन्द्र
40-जलवायु
41. प्रदेश की सीमाएं
42 पहाड़ / पठार
43 खनिज
44 मिट्टी आदि-आदि
वर्ग 7 (प्रमुख व्यक्तित्व) रमेश श्रीवास्तव 'चातक' सिवनी
45- खिलाड़ी
46 साहित्यकार
47 संत महात्मा
48- सेनानी
49. नेता
50. अभिनेता
51. गायक
52.नर्तकी
53. चित्रकार आदि-आदि
3. उपर्युक्त 7 रचनाकारों में से किसी एक को राज्य समन्वयक की भूमिका निभानी होगी। राज्य समन्वयक से निम्नलिखित कार्यों की अपेक्षा है:
क- एक आवंटित वर्ग पर चौपाइयाँ लिखनी
ख- अन्य वर्गों पर रचना हेतु रचनाकारों का डॉ ममता सैनी जी के परामर्श के साथ चयन
ग- उनसे सूचनाओं का आदान प्रदान
घ- उनसे समय पर रचनाओं का एकत्रीकरण करना
ड़- चौपाइयों की छंदबद्धता की जाँच करना और उनमें वर्णित तथ्यों की भी जाँच करना। यदि आवश्यक हो तो सुधार करवाना।
च- सभी रचनाओं को निश्चित समय-सीमा में रचनाकारों की फोटो, नाम और उनके स्थान के उल्लेख के साथ दिए गए गूगल फॉर्म पर अपलोड करना।
4. चौपाइयों के तथ्यों के सत्यापन और सम्पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए राज्य विशेष के जानकार से रचना में वर्णित तथ्यों का सत्यापन कराया जाना है। यदि कोई अपूर्णता या त्रुटि हो तो उन्हें सुधारा भी जाना है।
5. जो भी इस आयोजन में तथ्य सत्यापक एवं त्रुटि सुधारक, राज्य समन्वयक या रचनाकार की भूमिका में योगदान करने के इच्छुक हैं और चौपाई लिखने में पारंगत हैं, वे 10 जून तक नीचे दिए गए google form
https://forms.gle/1ZGcvJpwhNQFZSn8A
को भर कर भेजें और साथ ही आगे की जानकारी के लिए इस कार्यक्रम से संबंधित whatsapp समूह
https://chat.whatsapp.com/B8TzFlta4aWHhHKKBLc8C7
को जरूर जॉइन करें। चयन हेतु प्रविष्टियाँ केवल गूगल फॉर्म के माध्यम से स्वीकार की जाएँगीं।
6. सभी राज्यों के तथ्य सत्यापक एवं त्रुटि सुधारक, रचनाकारों और समन्वयकों को उन्हीं के राज्य हेतु प्राथमिकता दी जानी है, किन्तु सम्बन्धित राज्य में हिंदी काव्य रचनाकारों की उपलब्धता के आधार पर भी विचार किया जाएगा।
7. इस संग्रह का प्रकाशन किए जाने का प्रस्ताव है और *आशा है इस आयोजन/पुस्तक को विश्व कीर्तिमान का स्थान प्राप्त होगा।*
*इस काव्य संग्रह की पुस्तक को पुस्तकालयों में शामिल कराए जाने का भी प्रयास रहेगा।*
*संग्रह पुस्तक में सभी रचनाकारों के नाम और उनकी फोटो के साथ रचनाएँ प्रकाशित की जानी है, साथ ही तथ्य सत्यापक एवं त्रुटि सुधारक और समन्वयकों का उल्लेख भी किया जाएगा।*
8. सभी रचनाकार, समन्वयक और तथ्य सत्यापक एवं त्रुटि सुधारक "अन्तरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच" के "भारत को जानें" रचना प्रस्तुति कार्यक्रम में आभासी पटल पर रचनाओं की प्रस्तुति हेतु भी आमंत्रित किए जाएँगे। आप सभी
नीचे दिए गए
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https://www.facebook.com/groups/189600548966388/?ref=share
लिंक पर क्लिक कर अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच को जॉइन करें।
9- कार्यक्रम के आयोजन या पुस्तक के प्रकाशन के लिए किसी भी व्यक्ति से कोई धनराशि नहीं ली जाएगी और न ही तथ्य सत्यापक एवं त्रुटि सुधारक, समन्वयकों या रचनाकारों को हमारी ओर से किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक या मानदेय ही दिया जाएगा।
डॉ ममता सैनी
संस्थापिका
अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच
तंज़ानिया
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