सरस्वती वंदना मलयालम
र. ज. संतोषकुमार
*
तन्नीडनं
नानल्ला नीयल्ला नम्मलेल्लावरुम
येनेन्नुम अम्मये वनंगुन्ने।
पाउम पडिच्चवन पडिक्कान मडिच्चवन
एल्लारुम अम्मये भजिक्कुने।
नीयल्ले बुद्धि प्रवाहिनी
एन्नेन्नुम नी विद्याधारिणी।
ऐश्वर्यं नल्किडुम विद्यास्वरूपिनि।
अम्मे सरस्वती स्मरिक्कुन्ने मंगल
अज्ञानं अकट्टि तंदीडनम।
विद्ययुम विजयमुम एनेन्नुम
मंगलकु तंदीडनम।
***
हिंदी भावानुवाद
*
ना ही मैं; ना ही तू; हम सब
हमेशा करते माता की वंदना
जो पाठ पढ़ा है; पढ़ाई से मुँह मोड़ा है
सभी करते हैं माता की वंदना।
तुम ही हो बुद्धिवाहिनी
हमेशा तुम हो विद्याधारिणी
ऐश्वर्य प्रदान करनेवाली विद्यास्वरूपिणी।
माते सरस्वती स्मरण करते हैं हम
अज्ञान दूर करो अब तुम
विद्या और विजय हमेशा हमें प्रदान करो तुम।
***
सरस्वती वंदना बांग्ला
..........जोय माँ सरस्वती............
जोय माँ सरोस्वती,आमरा तोमार सन्तान।
तोमार पूजोर नियमें,आमरा ओज्ञान ।
अंधकारे आछी आमरा,नेई कोनो ज्ञान।
तोमारी कृपाय होबे,आमादेर कोल्याण।
तोमार विनार आवाज़,केड़े नेय ध्यान।
तोमार हातेर बोय,बाडाय आमादेर ज्ञान।
हांस तोमार बाहोन,श्वेत बोस्त्रो पोरिधान।
आमरा चाई तोमार काछे,बुद्धि,विद्यादान।
पद्मासने शोभितो,दाउ एमोन बोरदान।
जीवन काटुक"आनंद"ए,कोरी तोमार गुणोगान।
मैं,देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी" सामान्यतः कलकत्ता में रहता हूँ जो मेरा जन्मस्थान है।पुश्तैनी रूप से झाकरखंड के पाकुड़(ग्राम-डांगापाड़ा, मेरे पिताजी का जन्मस्थान) से और बिहार के बांका(ग्राम-अमरपुर,निवास स्थान)से जुड़ा हूँ।मेरी शिक्षा बीएससी,एलएलबी है।पेशे से आयकर अधिवक्ता हूँ।लेखन और गायन मेरा शौक़ है।
माता--स्व.शीला देवी
पिता--स्व.राम बिलाश साहा
पत्नी--श्रीमती पूनम साहा
पता--823 D, मोतीलाल गुप्ता रोड
मुचिपाड़ा,कलकत्ता-700082
(पुरबाशा अपार्टमेंट,प्रथम तल)
रचोनाकार-देवानंद साहा"आनंद अमरपुरी"
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सरस्वती वंदना नेपाली
नेपाली सरस्वती वंदना
भक्तवत्सल हँसवाहिनी
*
भक्तवत्सल हंसवाहिनी! तूं है करुणा निधान
बलिहारी म्हैं आपकी, शरण में मांगु वास,
भटक्यो घणो हूं थाकगो,एक है थारी आश,
कुबुद्धी म्हारी मिटाय दे,भर कै ज्ञान सुवास,
छवी न्यारी श्वेताम्बरी, चरण पड्यो है दास।
म्हैं सब रचणाकार की,आप सूं ई है पेचाण,
कोई न दाता जगत में, विणावादिनी समान,
गावै चाव सूं चहूं दिशा,आपको मंगल गान,
विपदा मिनटां में मिटै, धर्यां आपको ध्यान।
कृपा माँ की हुणै सूं,बणज्या बिगड्या काम,
जगतमोहिनी रूप आपको प्रज्ञाग्राममें धाम,
बांटै ज्ञान विज्ञान माता,बिन टकै बिन दाम,
तत्त्व प्रकाशक है सदा, माँ सरस्वती को नाम।
विवेक की हो स्वामिनी,सदैव करो कल्याण,
कलम चलाइ राखज्यो,अमृत वचन लेखाण,
आंगली पकड चलाइज्यो,म्हैं तो हाँ अनजान,
चंद्रवदनि हो पद्मासिनि,कृपाकर लेवो संज्ञान।
अवसाद हरो प्रकाश भरो,विन्ती करो विचार,
अब तो करो उद्धार तम सूं,सुखद् हुवै संसार,
मंगलकारी,हितकारी माँ,आया म्हैं थारे द्वार,
टाबरियां पै उपकार करो, हरो थे म्हारो भार।
एक आस-भरोसो एक, सबको करो उत्थान,
घणा दयालु आप हो, जग कल्याण में ध्यान,
वीणा पुस्तक धारिणी माँ, शारदे देवो वरदान,
भक्त वत्सल हँसवाहिनी तूं है करुणा निधान।
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लक्ष्मण कुमार नेवटिया
जन्म - बिराटनगर, नेपाल (मूल निवास शेखावाटी राजस्थान)।
आत्मज - स्व. जयदेवी - स्व. रामस्वरूप नेवटिया।
संप्रति - स्व व्यापार टायर आटोमोबाइल्स।
प्रकाशन - 'लक्ष्मण का कुतकुति' नेपाली हास्य व्यंग्य कविता संग्रह, 'अमृत गीता' (श्रीमद्भगवद्गीता का हिन्दी पद्यानुवाद), 'समाज के गीत', 'थोपा थोपा जिन्दगी' हाइकु संग्रह, 'यो जो संग सम्बन्धित छ' लघुकथा संग्रह, नेपाली कविता संग्रह प्रथम मारवाडी अनुवाद बसन्त चौधरी कृत 'बसंत', 'अग्रभागवत' का नेपाली अनुवाद।
उपलब्धि - संयोजक हासने समाज, मोरंग, विराटनगर।
संपर्क (ठेगाना) - रंगेली रोड, बिराटनगर-९।
चलभाष - , ईमेल - nevatialk@gmail.com
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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सोमवार, 11 अक्तूबर 2021
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आचार्य संजीव वर्मा सलिल
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