शतवर्षी जीवन जियें, अग्रज बंधु सुमित्र।
अंकित अपने हृदय, पर अमिट आपका चित्र।।
गायत्री सुमिरन करें, भाव भावना दिव्य।
काम कामना पूर्ण हो, हर्ष मिले नित नव्य।।
श्वास-श्वास संजीव हो, सफल साधना पूर्ण।
हर संकट बाधा मिटे, पल भर में हो चूर्ण।।
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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