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सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

लता मंगेशकर

सुर साम्राज्ञी लता जी के जन्म दिवस पर-
*
शारदसुता कोकिलाकण्ठी लता धरा-सिंगार
तार सिहरते हैं वीणा के सुन मृदु स्वर झंकार

समय साक्षी मिला मनुजता को अनुपम उपहार
लता समूची वसुधा को हैं ईश्वर का उपहार

सत्य प्रगटीं कल्याणी
लता की बनकर वाणी
धन्य हम तुम्हें नमन कर
समय हो आशिष देकर
*

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