गीत:
कजरारे बादल
अविनाश ब्योहार
*
अंबर पर
कजरारे बादल
अविनाश ब्योहार
*
अंबर पर
छा रहे हैं
कजरारे बादल।
नाच रहे हैं
मोर बागन में,
छम-छम बरसीं
बूँदें आँगन में।
पत्र मेह के
बाँट रहे हैं
हरकारे बादल
मौसम में हरियाली ने
है रंग भरा,
दुबली-पतली नदिया
का है अंग भरा।
फटी धरा की
प्यास बुझाये
मतवारे बादल
*
रायल एस्टेट, माढ़ोताल,
कटंगी रोड, जबलपुर।
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