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रविवार, 28 जून 2020

शारद वंदना

शारद वंदना
पौराणिक जातीय शारदा छंद
विधान : न न म ज ग
यति : ८ - १०
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नित पुलक करें दीदार शारदा!
हँस अभय करो दो प्यार शारदा!
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विधि हरि हर को जन्मा सुपूज्य हो
कर जन जन का उद्धार शारदा!
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कण-कण प्रगटाया भाव-सृष्टि की
लय गति यति गूँजा नाद शारदा!
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सुर-सरगम है आवास देवि का
मम मन बस जा आ मातु शारदा!
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भव समुद फँसी है नाव मातु! आ
झटपट कर बेड़ा पार शारदा!
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तुम हर रचना में आप आ बसो
हर धड़कन हो झंकार शारदा!
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नव रस रसना में मातु! दो बसा
जस-भजन करूँ मैं नित्य शारदा!
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सर पर कर हो तो हार ना सकूँ
तव शरण करी स्वीकार शारदा!
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नित सलिल तुम्हारे पैर धो रहा
कर कलम लिए गा गान शारदा!
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१४/१५ जून २०२०

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